गोपालगंज. अप्रैल के महीने में गर्मी सारे रिकॉर्ड तोड़ने के लिए तैयार है. पिछले सप्ताह से तापमान ने जो रफ्तार पकड़नी शुरू की है, वो तीसरे सप्ताह में भी जारी है. शुक्रवार अप्रैल का सबसे गर्म दिन रहा. गर्म हवा के थपेड़ों ने तन-मन को झुलसा दिया. सबसे लाचार तो पशु- पक्षियों को देखा गया. प्यास के कारण उनको तड़पते देखा गया.
न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा
सुबह आठ बजे के बाद सूर्य की तीखी किरणें आग उगल रही हैं. हवा के तेज झोंके और तीखी धूप से लोग परेशान हैं. अधिकतम तापमान 43.2 डिग्री सेल्सियस के अधिकतम स्तर पर पहुंच गया. अलग-अलग क्षेत्रों में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की वजह से तापमान लगातार 43 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है. न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जो सामान्य से 3.4 डिग्री सेल्सियस अधिक है. यह स्थिति अभी शनिवार तक बनी रहेगी. हिमालय क्षेत्र में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के चलते रविवार और सोमवार को बादल छाये रहने व बूंदाबांदी के आसार है. उसके बाद तापमान में गिरावट आयेगी.
धूप में एक घंटा बिताना बनायेगा बीमार
इन दिनों धूप में एक घंटा बिताना खासा नुकसानदेह हो सकता है. सूरज से आ रहीं अल्ट्रावायलेट (यूवी) किरणें इतने ही देर में सनबर्न, ब्लैक स्पॉट और भारी मात्रा में शरीर का पानी सूखा सकती हैं. मौसम विज्ञानी डॉ एसएन पांडेय ने बताया कि यूवी किरणों का स्तर 10 से 12 के आसपास दर्ज किया जा रहा है. शुक्रवार को ये स्तर 10 के आसपास रहा. जो कि बहुत उच्च खतरे की श्रेणी में है. दिन में चार घंटे, सुबह 9 बजे से दोपहर तीन बजे तक, सबसे ज्यादा यूवी किरणें धरती की ओर आ रही हैं. इससे आंख की रेटिना पर काफी बुरा असर हो सकता है. साथ ही शरीर की नमी सूख सकती है. डिहाइड्रेशन, त्वचा पर काले-काले धब्बे और चक्कर आने की समस्याएं भी हो सकती हैं.
पक्षियों के लिए छतों पर रखें पानी
गर्मी में पक्षियों की देखभाल के लिए, पानी की व्यवस्था करें, छायादार स्थान प्रदान करें, और उन्हें ताजा भोजन उपलब्ध कराएं. साथ ही, पक्षियों के लिए स्नान के लिए बर्तन रखें और नियमित रूप से साफ करें. अपने घर के बाहर, छत या बालकनी में पक्षियों के लिए पानी का बर्तन रखें. पानी के बर्तन को साफ और ताजा रखें. आप टेराकोटा के बर्तन का उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि वे पानी को ठंडा रखते हैं. पानी में थोड़ा-सा गुड़ या चीनी मिलाएं, जिससे पक्षी पानी को और भी बेहतर तरीके से पी सकें.
शरीर पर पानी स्प्रे करें
शरीर का तापमान बढ़ने के साथ ही पसीना आना, सिरदर्द होना या सिर का भारीपन महसूस हो सकता है. सबसे पहले बीमार को ठंडे और छायादार स्थान पर ले जाएं. व्यक्ति बेहोश न हो, तो उसे ठंडा पानी पिलाएं, उसके कपड़े को निकाल कर शरीर पर गीले कपड़े या स्पंज रखें.लू से होने वाली परेशानी को ऐसे कर सकते हैं कम
-कड़ी धूप में बाहर न निकलें, खासकर दोपहर 12:00 से तीन बजे तक के बीच में. – जितनी बार हो सके पानी पीएं, प्यास न लगे तो भी. -हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें. गमछा, टोपी, छाता, धूप का चश्मा, जूते और चप्पल का इस्तेमाल करें. -यात्रा करते समय अपने साथ पानी रखें.-अगर आपका काम बाहर का है, तो गीले कपड़े को अपने चेहरे, सिर और गर्दन पर रखें.-चक्कर आये, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. -घर में बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू पानी, छांछ, आम के पन्ना का सेवन करें. -अपने घर को ठंडा रखें, पर्दे, शटर आदि का इस्तेमाल करें. रात में खिड़कियां खुली रखें.-शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों का इस्तेमाल नहीं करें. -धूप में खड़े वाहनों के अंदर बच्चों और पालतू जानवरों को न छोड़ें. -खाना बनाते समय कमरे के खिड़की-दरवाजे खुलें रखें, जिससे हवा का आना-जाना बना रहे. -उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ और बासी भोजन का सेवन न करें. -जहां तक संभव हो घर में ही रहें और सूर्य के संपर्क से बचें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है