गोपालगंज. माह-ए-रमाजन रविवार से शुरू हो गया. रोजेदारों ने खुशनुमा मौसम के बीच पहला रोजा रखा. रोजा के साथ ही पहला अशरा भी शुरू हो गया. रोजेदारों ने शहर की बड़ी मस्जिद, दरगाह शरीफ, मरकजी मस्जिद आदि मस्जिदों में रमजान के पांचों वक्त की नमाज अदा की.
रोजा इबादत के साथ ही अच्छाई की देता है सीख
बड़ी मस्जिद के मौलाना सइदुल्लाह कादिरी ने कहा कि रोजा इबादत के साथ ही अच्छाई की सीख देता है. उन्होंने कहा कि हदीस पाक में यह जिक्र आता है कि रमजान के मुकद्दस महीने में प्रत्येक रात में सुबहे सादिक आसमान से एक मुनादी यह ऐलान करता है कि अच्छाई मांगने वाले यह मांगना खत्म कर और खुशी मना कि तेरी दुआ कुबूल हो गयी है. बुराई करनेवाले बुराई करने से बाज आ और इबरत हासिल कर. वहीं रमजान को लेकर शहर से लेकर ग्रामीण इलाके के तमाम मस्जिदें गुलजार होने लगी हैं. बाजारों में भी इफ्तार की सामग्री खरीदारी को लेकर चहल-पहल दिखी.
नन्हे रोजेदारों ने रखा पहला रोजा
माह-ए-रमजान में रोजा रखना सबके लिए फर्ज है. इस पवित्र महीने में शहर के जादोपुर रोड निवासी परवीन अमानुल्लाह भी रोजा रख रही है. इसके साथ आलिया अंजूम, आफिया परवीन ने भी रोजा रखने की जिद्द की है. आलिया के पिता शाहिद इमाम बताते हैं कि रविवार को बच्चियों ने अपना पहला रोजा रखा. शाम को माता-पिता के साथ इफ्तार पार्टी में शामिल हुई. परवीन अमानुल्लाह ने बताया कि रोजा रखने के साथ कुरान की तिलावत भी करती हैं.
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