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Gopalganj News : जांच टीम ने माना, कागज में चल रही थी राइस मिल, धान खरीद में हुआ फर्जीवाड़ा

Gopalganj News : किसानों के नाम पर धान खरीद में फ्रॉड थमने का नाम नहीं ले रहा. सरकार से निर्धारित टारगेट को पूरा करने के नाम पर हर साल खेल हो रहा. सरकार के समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीद में फ्रॉड का खुलासा होने लगा है.

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गोपालगंज. किसानों के नाम पर धान खरीद में फ्रॉड थमने का नाम नहीं ले रहा. सरकार से निर्धारित टारगेट को पूरा करने के नाम पर हर साल खेल हो रहा. सरकार के समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीद में फ्रॉड का खुलासा होने लगा है. इस सुनियोजित घोटाले का खुलासा सारण आयुक्त के द्वारा गठित जांच टीम की जांच से हुआ है. जांच टीम भी माना कि कागज में ही गोपालगंज सदर प्रखंड के व्यापार मंडल की राइस मिल चल रही है.

कार्रवाई की जद में आये कई लोग

इस जांच में उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सारण अनिल राय, संयुक्त निबंधक सहयोग समितियां सैयद मशरूक आलम व जिला आपूर्ति पदाधिकारी कैसर जमाल शामिल थे. यह जांच 25 मार्च को गोपालगंज में की गयी थी. जांच की पूरी जानकारी डीसीओ, बीसीओ को पहले दी गयी थी. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट 26 मार्च को आयुक्त को सौंपते हुए व्यापार मंडल के अध्यक्ष व प्रबंधक नीरज कुमार, बीसीओ एवं अन्य संलिप्त लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की अनुशंसा की है. कार्रवाई के लपेटे में अब कई लोग आ गये हैं.

यह है जांच टीम की रिपोर्ट

जांच दल द्वारा स्थलीय निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि यह मिल बंद थी. यह भी पाया गया कि यहां धान-चावल से संबंधित किसी प्रकार की गतिविधि होती हुई प्रतीत नहीं हो रही थी. यानी यह केवल कागजी रूप से मिल का रूप धारण किये हुए है. बंद मिल के बाहर से लिये गये फोटो भी सौंपे गये है. जांच की तिथि के संबंध में डीसीओ, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला प्रबंधक, बिहार राज्य खाद्य निगम को पूर्व में ही निरीक्षण की सूचना दे दी गयी थी. फिर भी इस मिल का बंद रहना इस बात को इंगित करता है कि डीसीओ तथा बीसीओ द्वारा जांच टीम के आगमन को गंभीरता से नहीं लिया गया.

जांच टीम का कॉल तक रिसीव नहीं किया बीसीओ ने

जांच के क्रम में डीसीओ द्वारा बीसीओ से संपर्क करने का प्रयास किया गया, परंतु वह उपलब्ध नहीं हो पाये. कॉल तक रिसीव नहीं किया. व्यापार मंडल सहयोग समिति के प्रबंधक बीसीओ ही हैं. निरीक्षण कराने का दायित्व उनका ही था परंतु अध्यक्ष व्यापार मंडल सहयोग समिति के साथ उपस्थित नहीं थे. जो इनकी घोर लापरवाही को दर्शाता.

को-ऑपरेटिव बैंक ने 71 लाख का जारी किया था सीसी

सदर प्रखंड के व्यापार मंडल के लिए दी सेंट्रल को- ऑपरेटिव बैंक से सात लॉट धान खरीदने के लिए लगभग 71 लाख रुपये का क्रेडिट आवंटित किया गया है. जांच टीम ने पाया कि कागज में धान तैयार कर एसएफसी को चावल सीएमआर का आवंटन किया गया है.

बरारी जगदीश पैक्स में भी मिली गड़बड़ी

जांच टीम ने थावे प्रखंड के बरारी जगदीश पैक्स में धान खरीद की जांच की. जांच के दौरान थावे के बीसीओ पुष्पराज भी शामिल थे. जांच टीम ने गोदाम की जांच की. पाया गया कि 337.8 एमटी धान की खरीद की गयी थी. इसमें से 116 एमटी धान राइस मिल को दिया जा चुका है. जबकि 168.9 एमटी धान गोदाम में होना चाहिए था जो उसके आधा से भी कम था. जांच टीम के सामने दोनों के द्वारा कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया था.

तो कागज में किसानों से खरीदा गया धान!

धान खरीद से जुडे जानकार ने बताया कि क्रय केंद्रों ने किसानों के पास जो धान था उसे तो खरीद लिया. उसमें कुछ क्रय केंद्रों ने किसानों के बदले अपने संगे-संबंधियों, करीबियों के नाम पर कागज में खरीद लिया. उसे बीसीओ से सत्यापित भी करा लिया. कागज में ही राइस मिलों से चावल तैयार करा कर एसएफसी को यूपी के बाजार से चावल खरीद कर आपूर्ति कर देनी थी. कुछ सेटिंग पर यूपी के एफसीआइ के गोदाम से चावल लेकर आपूर्ति कर ली.

गड़बड़ी करने वालों पर होगी कार्रवाई: डीएम

इस संबंध में डीएम प्रशांत कुमार सीएच ने कहा कि धान खरीद में गड़बड़ी अगर हुई है, तो करने वालों पर कार्रवाई होगी. जांच रिपोर्ट को दिखवाया जा रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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