गोपालगंज. अपने भाई को इंसाफ दिलाने के लिए शुक्रवार को सात वर्ष की बच्ची वीणा कुमारी एडीजे-10 मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट में पहुंची. कोर्ट ने सात वर्ष की बच्ची के बयान को कलमबद्ध किया. बच्ची ने रोते हुए कोर्ट को बताया कि सात माह पूर्व मेरे छह वर्षीय भाई अजय कुमार को दीदी एवं बड़ी मम्मी उर्मिला देवी ने मिलकर मार दिया था. मैंने अपनी आंखों से देखा था कि मेरे भाई को बड़ी मम्मी उर्मिला देवी एवं दीदी अपने रूम में रखी थी. जब मैंने देखा, तो बड़ी मम्मी ने मुझे डांटकर भगा दिया था. उसके कुछ देर बाद मैंने देखा कि दीदी अपने कंधे पर मेरे भाई अजय कुमार को काले रंग की ओढ़नी से ढक कर ले जा रही थी.
मां दूसरे के घर में झाड़ू-बहारू का करती है काम
उसके बाद शाम में अपनी मां एवं अन्य लोगों को बतायी, तो सभी लोग खोजने निकले तो घर के बगल मक्के के खेत से मेरे भाई का शव मिला. उसके बाद पुलिस आयी थी. मेरे मृत भाई की लाश को लेकर अस्पताल के लिए चली गयी. एपीपी जयराम साह के सवालों का जवाब देते हुए बच्ची ने कहा कि मेरा नाम वीणा कुमारी है. मेरी उम्र 7 वर्ष है. मेरे पिता का नाम अशोक चौरसिया है. मेरी बड़ी बहन का नाम पूनम कुमारी है. मेरा घर पंडितपुर थाना सिधवलिया है. मेरे मृत भाई का नाम अजय कुमार था. मेरी मां दूसरे के घर में झाड़ू-बुहारी सफाई का काम करती है. मेरा घर और मेरी बड़ी मम्मी का घर एक ही जगह पर है. मेरी बड़ी मम्मी एवं दीदी मेरा खेत लेने के लालच में मेरे इकलौते भाई, जो मुझसे भी छोटा था की हत्या कर दी. मैं दोनों अभियुक्तों को देखकर पहचान लूंगी. कोर्ट के सवाल पर बच्ची ने कहा मैं सरकारी स्कूल में कक्षा 2 में पढ़ती हूं. मुझे दिशा का नाम मालूम नहीं. मैं बीमार पड़ती हूं तब डॉक्टर के पास जाती हूं. डॉक्टर लोग बाजार में रहते हैं.कुरकुरे लाने के बहाने घर से भेज कर की हत्या
सिधवलिया थाने के पंडितपुर गांव में 13 अगस्त 2024 को अशोक चौरसिया की पत्नी सुमित्रा देवी दिन में स्कूल में काम करने चली गयी. घर पर इकलौता बेटा छह वर्षीय अजय कुमार, बेटी पूनम कुमारी उम्र करीब 15 वर्ष व अन्य बेटियां थी. 2:20 बजे लौटी, तो मेरा बेटा कहीं पर दिखाई नहीं दिया. तब लड़की से बेटे के बारे में पूछी तो बताया कि बड़ी मम्मी ने 10 रुपये बाबू के लिए कुरकुरे लाने को दिये एवं बताया कि हम सब बाबू को मोबाइल दिखा रहे हैं. जब मैं कुरकुरे लेकर आयी, तो बाबू नहीं था.
घर में गला दबा कर हत्या कर खेत में फेंका था शव
दीदी ने दरवाजा एवं खिड़की को बंद कर लिया था. छोटी बेटी वीणा कुमारी बोली कि दीदी बाबू को ओढ़नी से ढक कर खेत की तरफ ले जा रही थी. तब अपने परिवार एवं गांव के लोगों के साथ लड़के को खोजने लगे, तब करीब 5 बजे शाम में मेरे घर थोड़ी दूर मक्के के खेत में अजय कुमार मरा हुआ पड़ा मिला. उसकी गर्दन पर दोनों तरफ गले पर उंगली एवं नाखून के निशान थे.
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