गोपालगंज. राज्य सरकार से स्थायीकरण और अन्य आधारभूत मांगों को लेकर जिले के कार्यपालक सहायकों ने बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ के बैनर तले आंदोलन का बिगुल फिर से फूंक दिया है. संगठन ने स्पष्ट किया है कि लगातार अनदेखी और आश्वासनों के बाद भी ठोस कार्रवाई नहीं होने से प्रदेश के सभी विभागों में कार्यरत कार्यपालक सहायक आंदोलन को बाध्य हैं. सहायकों का कहना है कि लंबे समय से वे स्थायीकरण, सेवा शर्तों के निर्धारण, वेतन विसंगतियों के समाधान और सामाजिक सुरक्षा जैसी मूलभूत मांगों को लेकर संघर्षरत हैं. लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस पहल अब तक नहीं की गयी है. संगठन का आरोप है कि प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी की बैठकों और बातचीत के बाद भी कोई नतीजा सामने नहीं आया. आंदोलन के तहत कार्यपालक सहायकों ने चरणबद्ध कार्यक्रम जारी किया है. इसमें काला बिल्ला लगाकर काम करना, मशाल जुलूस निकालना और जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन शामिल है. बुधवार को उचकागांव, गोपालगंज समेत अन्य प्रखंडों के विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत कार्यपालक सहायकों ने काला बिल्ला लगा कर काम किया और मांगों के समर्थन में नारेबाजी की. वहीं कार्यपालक सहायकों के आंदोलन के कार्यक्रम में 03 से 06 सितंबर तक सभी विभागों में काला बिल्ला लगाकर कार्य, साथ ही जनप्रतिनिधियों के माध्यम से मांग पत्र सौंपना, 05 सितंबर को जिला मुख्यालय पर मशाल जुलूस / कैंडल मार्च, 07 सितंबर को जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन, 10 सितंबर 2025 के बाद – दो दिवसीय सामूहिक अवकाश, इसके बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल शामिल है.
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