फुलवरिया. फुलवरिया प्रखंड में उप प्रमुख वीरेंद्र पंडित की पुत्री का विवाह पूरे क्षेत्र में प्रेरणा का स्रोत बन गया है. यह विवाह पूरी तरह दहेज-मुक्त रहा और दोनों परिवारों ने अनूठे अंदाज में संस्कारों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. वर पक्ष की ओर से 101 फलदार, पत्तेदार एवं सदाबहार पौधे उपहार स्वरूप दिये गये. वहीं वधू पक्ष ने 111 पौधों को भेंट कर इस अभियान को और मजबूत बनाया. गुरुवार की देर रात हथुआ प्रखंड के घघरिया टोला खरौनी से बारात संग्रामपुर रायमल गांव पहुंची. जयमाल कार्यक्रम के दौरान पौधों का आदान-प्रदान किया गया. यह अनोखा दृश्य देखकर पंडाल में मौजूद लोग उत्साहित हो उठे और तालियों की गड़गड़ाहट से नवदंपती को आशीर्वाद दिया. दूल्हा चंदन कुमार पंडित ने मंच से कहा कि जो माता-पिता अपनी बेटी को दिल पर पत्थर रखकर विदा करते हैं, उसके बाद दहेज मांगना महापाप है. उनके इस वक्तव्य पर उपस्थित लोगों ने जोरदार तालियां बजाकर समर्थन जताया. उप प्रमुख वीरेंद्र पंडित ने कहा कि समाज में दहेज-मुक्त शादी को बढ़ावा देना आवश्यक है. बेटों के नाम पर दहेज मांगना और बेटियों की शादी में देना दोनों ही सामाजिक बुराई हैं. उन्होंने कहा कि यदि मांगलिक अवसरों पर दहेज की जगह पौधे लगाये जाएं, तो यह प्रकृति व आने वाली पीढ़ियों के लिए सबसे बड़ा उपहार होगा. फुलवरिया क्षेत्र के लोगों ने इस विवाह को सराहा और इसे दहेज उन्मूलन एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरक पहल बताया.
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