भोरे. भोरे के निरीक्षण भवन हाता स्थित जिला परिषद मार्केट कॉम्प्लेक्स की एक दुकान की नीलामी को लेकर उठा विवाद अब कानूनी जंग का रूप ले चुका है. वर्ष 2016 में हुई नीलामी में सिसई गांव निवासी गौरी शंकर प्रसाद ने दुकान संख्या 22 की बोली जीतकर अग्रभाग की दुकान के लिए 1.41 लाख रुपये जमा किये थे. यह दुकान मीरगंज मुख्य पथ से सटे उत्तर दिशा में अग्रभाग में स्थित थी. गौरी शंकर प्रसाद का आरोप है कि वर्ष 2024 में जब मार्केट कॉम्प्लेक्स का निर्माण पूर्ण हुआ, तब उन्हें दी गई दुकान का नंबर पहले 22 से बदलकर 27 कर दिया गया. साथ ही अब उन्हें अग्रभाग की जगह पीछे की दुकान आवंटित की जा रही है. उनका यह भी कहना है कि सिर्फ उनकी दुकान दो स्थानों पर रिकॉर्ड में दर्ज है, जबकि अन्य दुकानों का क्रम सही है, जिससे जानबूझकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न की गयी. जिला परिषद का पक्ष है कि अग्रभाग की दुकान का आकार बड़ा है, इसलिए उसे आवंटित नहीं किया जा सकता. परिषद ने अब विवादित दुकान का आवंटन निरस्त कर पुनः डाक की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस कार्रवाई से आक्रोशित गौरी शंकर प्रसाद ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जिला परिषद की कथित मनमानी और रिकॉर्ड में हेराफेरी के खिलाफ न्याय की मांग की है. मामला अब न्यायालय में लंबित है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है