फुलवरिया. प्रखंड क्षेत्र में संचालित पशु चिकित्सालयों की लचर व्यवस्था से पशुपालक बेहाल हैं. मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे जब प्रभात खबर की टीम लाढ़पुर स्थित पशु चिकित्सालय पहुंची, तो कई पशुपालक अपने मवेशियों के साथ मौजूद थे, लेकिन डॉक्टर अनुपस्थित थे. कर्मचारियों ने वही जवाब दिया कि डॉक्टर साहब फील्ड में गये हैं. वैसे थोड़ी देर बाद पशु चिकित्सा प्रभारी डॉ ललन कुमार पहुंचे और सफाई दी कि सुबह इलाज करने के बाद वे फील्ड विजिट पर गये थे, अब पूरे दिन अस्पताल में रहेंगे. डॉ ललन कुमार ने बताया कि प्रखंड में अब तक करीब 35 मवेशियों में लंपी वायरस के लक्षण मिले हैं. मौसम बदलने से प्रकोप कुछ कम हुआ है, लेकिन खतरा टला नहीं है. यह बीमारी अत्यधिक संक्रामक है और एक पशु से दूसरे तक तेजी से फैलती है. सूचना मिलते ही टीम दवा लेकर गांव पहुंचती है और बचाव संबंधी परामर्श देती है. छोटे पशुओं में इसका असर ज्यादा गंभीर है. उन्होंने बताया कि पान का पत्ता, मरीच पाउडर, नमक और हल्दी खिलाने तथा नीम, गिलोय और फिटकरी से धुलाई करने से लाभ मिलता है. मालूम हो कि लाढ़पुर अस्पताल में चहारदीवारी नहीं है, जिससे सुरक्षा समस्या बनी रहती है. पशुधन सहायक कर्मियों की कमी से कामकाज प्रभावित है. मिश्र बतरहां फक्कड़पुर शाखा चिकित्सालय की स्थिति और खराब है. वहां केवल एक डॉक्टर हैं, जबकि अस्पताल संचालन के लिए पशुधन सहायक, रात्रि प्रहरी और पियून की आवश्यकता है. मिश्र बतरहां फक्कड़पुर अस्पताल परिसर की जमीन पर अतिक्रमण कर बालू-गिट्टी गिरा दी गयी है. इससे अस्पताल संचालन प्रभावित हो रहा है और मरीज पशुओं के इलाज में कठिनाई हो रही है.
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