कटेया. प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों यूरिया खाद की कालाबाजारी अपने चरम पर पहुंच गयी है. धान की फसल में यूरिया खाद की अत्यधिक आवश्यकता के बीच दुकानदारों की मनमानी से किसान परेशान हैं. सरकारी दर 266.50 रुपये प्रति बोरी तय होने के बावजूद किसानों को 460 से 480 रुपये तक देकर खाद खरीदनी पड़ रही है. किसानों ने आरोप लगाया है कि कटेया बाजार सहित अन्य बाजारों में खाद की पर्याप्त उपलब्धता के बावजूद दुकानदार खुलेआम कालाबाजारी कर रहे हैं. दुकानों पर खाद सामने रखी रहती है, लेकिन निर्धारित दर पर देने से साफ इंकार कर दिया जाता है. किसान मजबूरी में दुकानदारों के बताये गये दाम पर खाद लेने को विवश हैं. स्थानीय किसान राधेश्याम कुमार ने बताया कि दुकानदार प्रति बोरी 200 से 220 रुपये तक अधिक वसूल रहे हैं. यदि कोई किसान विरोध करता है, तो उसे खाद नहीं होने का बहाना बनाकर लौटा दिया जाता है. यूरिया खाद की कालाबाजारी से किसानों में गहरी नाराजगी है. उनका कहना है कि धान की फसल का समय बीत रहा है और बिना खाद के फसल को भारी नुकसान होने की आशंका है. किसान अब आंदोलन करने की चेतावनी दे रहे हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. किसानों ने प्रशासन से अविलंब कार्रवाई कर खाद की आपूर्ति उचित दर पर कराने की मांग की है.
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