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बरौली थाने में महिलाओं का हंगामा

आक्रोश. कहला में चाकूबाजी के बाद पुलिस की एक पक्षीय कार्रवाई पर भड़कीं महिलाएं पहली बार महिलाएं अपने ऊपर हो रहे जुल्म के खिलाफ सड़क पर उतर आयीं. पुलिस पर जुल्म करने का आरोप लगा कर हंगामा किया गया. सभी महिलाएं थानेदार पर कार्रवाई की मांग पर अड़ गयीं. बरौली : जमीन विवाद के एक […]

आक्रोश. कहला में चाकूबाजी के बाद पुलिस की एक पक्षीय कार्रवाई पर भड़कीं महिलाएं

पहली बार महिलाएं अपने ऊपर हो रहे जुल्म के खिलाफ सड़क पर उतर आयीं. पुलिस पर जुल्म करने का आरोप लगा कर हंगामा किया गया. सभी महिलाएं थानेदार पर कार्रवाई की मांग पर अड़ गयीं.
बरौली : जमीन विवाद के एक मामले में युवती समेत तीन लोगों को चाकू मारने की घटना में बरौली पुलिस की तरफ से की गयी कार्रवाई के बाद कहला की महिलाओं का आक्रोश फूट पड़ा. गुरुवार की सुबह बरौली थाना परिसर महिलाओं के उग्र नारों से गूंज रहा था. दर्जनों महिलाएं थानाध्यक्ष को खोज रही थीं. महिलाओं के तेवर देख थानेदार थाना छोड़ कर भूमिगत हो गये थे. महिलाओं के घंटों हंगामे से थाना परिसर आंदोलित रहा. महिलाएं मरने और मारने पर उतारू थीं. गोद में बच्चों को लेकर पुलिस वालों को ढूंढ़ रही थीं. महिलाओं का आरोप था कि थानाध्यक्ष द्वारा पक्षपात करते हुए चाकूबाजी के मामले में एक पक्ष को बचाया जा रहा है.
महिलाओं का यह भी आरोप था कि थानाध्यक्ष का मधुर संबंध दूसरे पक्ष से है और वे वहां आते-–जाते रहते हैं. पक्षपात करते हुए उनको बचाने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस ने बच्चा मांझी के घर में तोड़फोड़ भी की है. स्थिति विस्फोटक होते देख तत्काल गोपालगंज से महिला थानाध्यक्ष सरिता कुमारी, सिधवलिया के थानेदार अरविंद कुमार दल–बल के साथ मौके पर पहुंचे. चार घंटे तक चले हॉट थ्रिलर ड्रामे को रोकने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. बाद में काफी समझाने बुझाने तथा इंसाफ दिलवाने के आश्वासन पर महिलाएं शांत हुईं. चेतावनी दी कि अगर हमारे साथ इंसाफ नहीं हुआ, तो हम फिर दुबारा आयेंगे, लेकिन नाइंसाफी नहीं होने देंगे. थानेदार दूसरे पक्ष से मिले हुए हैं, ये हम कतई बरदाश्त नहीं करेंगे. हम इंसाफ के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं.
क्या है पूरा वकया : बुधवार को कहला गांव में सिंचाई के विवाद में बच्चा मांझी और संजय मांझी के बीच झड़प हो गयी. इसमें चाकू से संजय मांझी, भतीजी करिश्मा कुमारी सहित तीन लोग घायल हो गये, जबकि बच्चा मांझी भी घायल हो गये. सभी का इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया. डॉक्टरों ने उन्हें गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया. इस मामले में पुलिस ने एक पक्ष के बच्चा मांझी, भूखड़ मांझी को हिरासत में लिया था. बच्चा मांझी के घर में पुलिस ने तोड़फोड़ भी की, जबकि दूसरे पक्ष के लोगों पर कार्रवाई नहीं की गयी. इस बात से नाराज महिलाएं थाना पहुंच गयीं.
पुलिस ने दूसरे पक्ष के दो लोगों को उठाया : बरौली थाने में जब महिलाओं ने हंगामा शुरू किया, तो पुलिस की टीम ने आनन- फानन में भोला मांझी एवं गायत्री देवी को हिरासत में ले लिया. इनकी गिरफ्तारी के बाद महिला थानेदार की पहल पर महिलाएं शांत हुईं. महिलाओं का नेतृत्व रीता देवी, आशा देवी, श्रीकांति देवी, रजांति देवी, अनपी देवी, जया देवी, विमला देवी सहित अन्य महिलाएं कर रही थीं.
क्या कहते हैं थानेदार
गांव के किसी व्यक्ति ने महिलाओं को गलत समझा कर बहका दिया है, जिसके कारण उन लोगों ने थाना पहुंच कर हंगामा किया है. पुलिस अपने स्तर से कार्रवाई कर रही थी. पुलिस किसी के साथ नाइंसाफी नहीं कर सकती. घटना में जो सच है उसकी जांच कर कार्रवाई की जा रही है.
चंद्रिका प्रसाद, थानाध्यक्ष, बरौली

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