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एनसीइआरटी की किताब िनजी स्कूलों में लागू नहीं

गोपालगंज : पुस्तक विक्रेता व पब्लिक स्कूलों पर अफसरों का कोई जोर नहीं चल रहा है. प्रशासन व जिला शिक्षाधिकारी की चुप्पी के कारण ही किताबों को लेकर पुस्तक विक्रेता व पब्लिक स्कूलों का खेल जारी है. स्कूलों के लिए सीबीएसइ का फरमान कोई मायने नहीं रखता और न ही शिक्षा विभाग इस फरमान को […]

गोपालगंज : पुस्तक विक्रेता व पब्लिक स्कूलों पर अफसरों का कोई जोर नहीं चल रहा है. प्रशासन व जिला शिक्षाधिकारी की चुप्पी के कारण ही किताबों को लेकर पुस्तक विक्रेता व पब्लिक स्कूलों का खेल जारी है. स्कूलों के लिए सीबीएसइ का फरमान कोई मायने नहीं रखता और न ही शिक्षा विभाग इस फरमान को लागू करा पाया है.

कक्षा एक से 12वीं तक एनसीइआरटी की किताबें शिक्षा विभाग लागू नहीं करा पाया है. पिछले सालों की तरह ही इस बार भी निजी प्रकाशकों की किताबें ही अभिभावक खरीदने को मजबूर हुए. डीइओ और पब्लिक स्कूलों की बैठक महज हवा हवाई ही साबित हुई. अभिभावक शोषण का शिकार हो रहे हैं लेकिन अधिकारी चुप हैं.

पांच गुनी महंगी है निजी प्रकाशकों की किताब : सीबीएसइ ने एनसीइआरटी की डिमांड सभी स्कूलों से भेजने के लिए निर्देश जारी किये थे, जिससे स्कूल से ही एनसीइआरटी की किताबें मिल सके और निजी प्रकाशकों की महंगी किताबों का बोझ अभिभावकों के सिर से कम हो. हर साल अभिभावकों को पांच फीसदी छूट देने के निर्देश प्रशासन जारी करता था, लेकिन न तो अभिभावकों को छूट मिली और न ही एनसीइआरटी की किताबें ही लागू हुईं. एनसीइआरटी की किताबें 150 से 300 रुपये में कक्षा की मिल रही हैं, जबकि इन्हीं कक्षाओं के निजी प्रकाशकों की किताबें कम-से-कम 6000 रुपये से कम नहीं मिल रही हैं.
कई किताबें पढ़ाई ही नहीं जातीं : कोर्स में कई किताबें तो ऐसी होती हैं जो पूरे साल पढ़ाई ही नहीं जाती हैं. दुकान से किताब खरीदने के बाद कक्षा में एक दिन में उसमें क्लास वर्क नहीं कराया जाता. इससे अनावश्यक अभिभावकों पर आर्थिक बोझ पब्लिक स्कूल डाल रहे हैं. निजी प्रकाशकों की एक-एक किताब की कीमत 500 से 600 रुपये है.
फीस भी बढ़वाने से नहीं रोक पाये अधिकारी
-पढ़ाई के नाम पर बिजनेस करने वाले पब्लिक स्कूलों को फीस बढ़ाने से भी अधिकारी नहीं रोक सके. बैठक में तय हुआ था कि इस वर्ष पब्लिक स्कूल फीस नहीं बढ़ायेंगे, लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ.
गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई
स्कूल प्रशासन से जवाब मांगा गया है कि निर्देशों का कितना पालन हुआ. फीस बढ़ोतरी की शिकायतों की जांच करायी जायेगी. किताब को लेकर भी आदेश जारी किये गये हैं. कहीं से गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई होगी.
अशोक कुमार, डीइओ, गोपालगंज

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