खुशखबरी . जल संसाधन विभाग ने दिया आदेश, बांध के लिए जारी हुआ टेंडर
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अहिरौली दान से बनेगा गाइड बांध
खुशखबरी . जल संसाधन विभाग ने दिया आदेश, बांध के लिए जारी हुआ टेंडर गोपालगंज : दियारा के लोगों के लिए यह राहत भरी खबर है. गंडक नदी पर यूपी के एपी तटबंध यानी अहिरौली दान से विशुनपुर गाइड बांध तक नया तटबंध बनाने के लिए विभाग ने बुधवार को टेंडर जारी कर दिया. टेंडर […]
गोपालगंज : दियारा के लोगों के लिए यह राहत भरी खबर है. गंडक नदी पर यूपी के एपी तटबंध यानी अहिरौली दान से विशुनपुर गाइड बांध तक नया तटबंध बनाने के लिए विभाग ने बुधवार को टेंडर जारी कर दिया. टेंडर 11 से 17 फरवरी के बीच विभाग की वेबसाइट पर आॅनलाइन भरा जा सकता है. जल संसाधन विभाग 21 फरवरी को टेंडर भरनेवाली एजेंसी का चयन करेगा. 62.8 करोड़ रुपये की लागत से यहां मार्च, 2018 तक बांध निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. केंद्रीय गंगा आयोग इस बांध के निर्माण के लिए राशि का आवंटन 30 अगस्त, 2016 को कर चुका है. बुधवार को जल संसाधन विभाग ने सरकार से मंजूरी मिलने के साथ ही इसके टेंडर की स्वीकृति दे दी. मार्च से काम शुरू होने की उम्मीद है. एक साल में कार्य पूरा करना है.
मार्च, 2018 तक बांध निर्माण का कार्य पूरा करने का लक्ष्य
एक नजर में बांध
बांध की लंबाई- 8.2 किमी
अनुमानित लागत- 62.8 करोड़
बांध से तत्काल राहत- 62 गांव
बांध के लिए लीज पर ली जायेगी जमीन
बांध के लिए लीज पर जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा. किसानों को जमीन की राशि का भुगतान सरकार निर्धारित दर पर करेगी. नौ गांवों के लगभग 298 किसानों की जमीन अधिगृहीत की जायेगी. विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है.
बांध से 62 गांवों को मिलेगा लाभ
अहिरौली से विशुनपुर तक गाइड बांध के निर्माण से कुचायकोट, गोपालगंज प्रखंड के लगभग 62 गांवों को सीधा लाभ मिलेगा. ये गांव नदी के कटाव से सुरक्षित होंगे. इस बार गंडक नदी ने कुचायकोट की कालामटिहनिया पंचायत ने व्यापक तबाही मचायी.
आठ गांवों के अस्तित्व को नदी अपने कोख में समेट चुकी है. नदी का कहर को रोकने के लिए यह गाइड बांध दियारे के लिए वरदान साबित होगा.
सीएम से चार पार्ट में टेंडर कराने की सहमति
निश्चय यात्रा के दौरान छपरा में आयोजित समीक्षात्मक बैठक में सदर विधायक सुबास सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की कि पतहरा तटबंध पर 52 करोड़ की लागत से बचाव कार्य करना है. बड़ी राशि होनेे के कारण स्थानीय स्तर पर कोई भी संवेदक कार्य कराने में सक्षम नहीं था. इसके कारण टेंडर नहीं डाला जा सका है. इसे चार पार्ट में कर के टेंडर निकाला जाये, ताकि स्थानीय संवेदक इस कार्य को पूरा करा सके. मुख्यमंत्री ने इस मामले में जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार को तत्काल पहल करने का आदेश दिया.
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