जेल से बरामद समान व छापेमारी कर निकलते एसडीपीओ .
हर छापेमारी में मिलती है आपत्तिजनक सामग्री
भोरे : चनावे जेल एक बार फिर सुर्खियों में है. रविवार को छापेमारी में मिले आपत्तिजनक सामान यह बताने के लिए काफी हैं कि जेल में कैदियों को हर तरह की सुविधा उपलब्ध है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतनी सुरक्षा और जांच के बाद आखिर सारी सुविधाएं कैदियों तक कैसे पहुंच रही हैं. यह पहली बार नहीं है कि गोपालगंज के चनावे जेल से कई आपत्तिजनक सामान की बरामदगी हुई है. पहले भी जब-जब छापेमारी हुई है, तब-तब वहां से भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामान मिला है.
इसका कोई ठोस निदान नहीं निकाला गया. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि चनावे जेल सुविधाओं का सेल बन कर रह गया है. समय-समय पर जिला प्रशासन द्वारा ऐसी कार्रवाई तो की जाती है, लेकिन इसके निदान के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाता है. बता दें कि चनावे जेल में इस समय लगभग आठ सौ से ज्यादा कैदी बंद हैं. इनमें कई ऐसे दुर्दांत अपराधी भी हैं, जिनके नाम पर अपराध की लंबी फेहरिस्त है. यहां बताना आवश्यक है कि इसी चनावे जेल में जेल में पदस्थापित डॉ भूदेव सिंह की कैदियों ने पीट पीट कर हत्या कर दी थी. चनावे जेल में बंद कई कैदियों की फेसबुक के अपडेट अकाउंट यह बताने के लिए काफी है कि चनावे जेल में स्मार्ट फोट का चलन भी बढ़ा है.