गोपालगंज : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की टीम थावे-छपरा रेलखंड के आमान परिवर्तन परियोजना में बड़े पैमाने पर धांधली की जांच करने पहुंची. सीबीआइ के अधिकारियों ने काफी गोपनीय तरीके से निर्माण कार्यों का मुआयना किया. इस ठेकेदार के कार्यालय में भी छापेमारी की गयी. सिधवलिया तथा छपरा में सीबीआइ ने तफ्तर को खंगाला है. सीबीआइ के एसपी आरएस सिन्हा की टीम रेलवे से जुड़े तथ्यों को खंगालने में जुटी है. निर्माण कार्यों की तसवीरें भी सीबीआइ ने ली है.
सूत्रों की मानें, तो थावे-छपरा रेलखंड के आमान परिवर्तन में ठेकेदार व अधिकारियों को लाभ पहुंचाने के लिए धांधली की गयी है. निर्धारित मानक से कम सामान इस्तेमाल किया गया है. इसके लिए कुछ महीने पहले भी सीबीआइ की टीम ने छापेमारी की थी. तब भी निर्माण कार्यों की तसवीर ली गयी थी. उस समय फाइलों की जांच की गयी थी. दूसरी बार सीबीआइ के अफसरों के पहुंचने से अधिकारियों से लेकर निर्माण एजेंसी तक की नींद उड़ी हुई है.
सीबीआइ की टीम शुक्रवार को ही पूर्वोत्तर रेलवे के कार्यालय में छापेमारी की. सीबीआइ की टीम ने रेलवे के दो अधिकारियों और कर्मचारी के घर जाकर पूछताछ की. अफसरों ने दो डिप्टी, एक एक्सइएन व एक पीडब्ल्यूआइ के घर पर दबिश दी. इसके बाद अधिकारी ब्रांड गेज दफ्तर पहुंचे और वहां गहन पूछताछ की गयी.सीबीआइ टीम डिप्टी चीफ इंजीनियर के घर सुबह दस बजे पहुंची, तो उनका ड्राइवर डर से फरार हो गया. यहां सामने रहनेवाले दूसरे डिप्टी चीफ इंजीनियर के घर जाकर भी अधिकारियों ने पूछताछ की.
यहां से निकल कर दफ्तर पहुंच कर फाइलों को इतमिनान से खंगाला गया.सीबीआइ से पहले इस मामले में रेलवे की विजिलेंस टीम भी छानबीन कर चुकी है. अपनी रिपोर्ट में मेटेरियल कम होने की बात का खुलासा विजिलेंस ने पहले ही कही थी. सीबीआइ ने विजिलेंस के अफसरों से इस मामले में इनपुट लेकर रिपोर्ट प्राप्त की है. उनकी रिपोर्ट की कॉपी को भी लिया गया. विजिलेंस रिपोर्ट के बाद भी गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हुआ.