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विशेष राज्य के दर्जे के लिए जारी रहेगा संघर्ष भाजपा को रोकने के लिए लालू अधिकृत

विशेष राज्य के दर्जे के लिए जारी रहेगा संघर्ष भाजपा को रोकने के लिए लालू अधिकृत15 साल के युवा भी हो सकेंगे राजद के सदस्य पांच राज्यों के चुनाव में समान विचार धारा वाले दलों से करेंगे संपर्कसंवाददाता, पटनाराजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद अगले साल तक देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा […]

विशेष राज्य के दर्जे के लिए जारी रहेगा संघर्ष भाजपा को रोकने के लिए लालू अधिकृत15 साल के युवा भी हो सकेंगे राजद के सदस्य पांच राज्यों के चुनाव में समान विचार धारा वाले दलों से करेंगे संपर्कसंवाददाता, पटनाराजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद अगले साल तक देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को रोकने के लिए समान विचारधारा वाले दलों से संपर्क साधेंगे. पार्टी की रविवार को खुला अधिवेशन में लालू प्रसाद को इसके लिए अधिकृत कर दिया. खुला अधिवेशन में सात प्रस्ताव पारित किये गये. पार्टी ने जनाधार बढाने के लिए 15 साल के युवाओं को भी जोड़ने की घोषणा की. पार्टी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने के लिए सघर्ष जारी रखेगी. राजद के प्रस्तावों में देश के समान विचारधारा वाले दलो को एकजुट कर सांप्रदायिक, फासीवादी शक्तियों को दूसरे राज्यों के चुनाव में राेकने की मंजूरी दी गयी. राजनीतिक प्रस्ताव पारित कर पार्टी ने कहा है कि राजद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग को जोरदार तरीके से उठाती रहेगी. साथ ही अपने संसाधन के बल पर बिहार के विकास के लिए प्रयास करती रहेगी. प्रस्ताव में कहा गया है कि देश की 56 प्रतिशत आबादी भूमिहीन है. 2.37 करोड़ परिवार एक कमरे के कच्चे मकान में रहते हैं. 9.16 करोड़ परिवार दिहाड़ी मजदूरी कर जीवन यापन कर रहे हैं. बताया गया है कि 44.84 लाख परिवार घरेलू नौकरी, 4.08 लाख परिवार कूड़ा बीनने और 6.68 लाख परिवार भिक्षावृति कर जीवनयापन करने को मजबूर हैं. आखिर ये लोग कौन हैं? सरकार द्वारा इतने दिनों तक खर्च किये पैसे कहां गये? सच यह है कि मात्र 10 प्रतिशत लोगों के हीत को ध्यान में रखकर बजट बनाया जाता है. इसके लिए लालू प्रसाद के नेतृत्व में पार्टी आंदोलन करेगी. राष्ट्रीय स्तर पर लोगों को इसके लिए जागरूक किया जायेगा. सरकार में बड़ी पार्टी होने के कारण जिम्मेवारी बड़ा होना बताते हुए प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य की जनता को राजद से बहुत अधिक अपेक्षाएं हैं, हमें उनक अपेक्षाओं पर खड़ा उतड़ना होगा. जातीय जनगणना के आंकड़ों के हिसाब से बने बजटअल्पसंख्यक संबंधी प्रस्ताव के माध्यम से पार्टी ने कहा है कि दलितों और अल्पसंख्यकों की एक जैसी हालात है. इनके लिए जातीय जनगणना के आंकड़ों के आधार पर बजट बने. ताकि इन वर्गाों तक विकास की रोशनी पहुंचे. अल्पसंख्यों की सरकारी नौकरी में तीन सेचार प्रतिशत ही हिस्सेदारी की चर्चा करते हुए कहा गया है कि इसके बावजूद केंद्र सरकार अल्पसंख्यकों के विकास के लिए एमएसडीपी योजना को बंद करने का निर्णय लिया है. प्रस्ताव मे कहा गया है कि राजद महाधिवेशन के द्वारा आह्वानकर रहा है कि बिहार के महागंठबंधन के मॉडल पर आगे संघर्ष जारी रखते हुए केंद्र सरकार एनडीए की सरकार को निकाल बाहर किया

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