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घोटाले के आरोपित के जम्मिे तीन पंचायतों का प्रभार

गोपालगंज : भोरे प्रखंड की जगतौली पंचायत में हुए इंदिरा आवास घोटाले के खुलासे के बाद लोग अब दोषियों पर कार्रवाई का इंतजार कर रहे है. ऐसे में आरोपित के जिम्मे तीन पंचायतों का जिम्मा देना कुछ हजम नहीं हो रहा है. फिलहाल जांच की बात कह कर मामले को टाला जा रहा है, लेकिन […]

गोपालगंज : भोरे प्रखंड की जगतौली पंचायत में हुए इंदिरा आवास घोटाले के खुलासे के बाद लोग अब दोषियों पर कार्रवाई का इंतजार कर रहे है. ऐसे में आरोपित के जिम्मे तीन पंचायतों का जिम्मा देना कुछ हजम नहीं हो रहा है. फिलहाल जांच की बात कह कर मामले को टाला जा रहा है,

लेकिन इस बात की सच्चाई से इनकार नहीं किया जा सकता कि दोषी पंचायत सचिव पर विभाग कुछ ज्यादा ही मेहरबान है. बता दें कि जगतौली पंचायत में इंदिरा आवास घोटाला हुआ था. इसकी जांच उपविकास आयुक्त जीउत कुमार ने की थी. उनकी जांच में पांच लोग इसमें लिप्त पाये गये थे. आरोपितों पर कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा गया है.

इस मामले की जांच आठ माह पूर्व भी हो चुकी थी. इसमें पंचायत सचिव सच्चिदानंद मिश्र, प्रधान सहायक चंद्रशेखर सिन्हा, मुखिया पति रमेश प्रसाद सिंह, उपमुखिया उमेश यादव एवं पूर्व बीडीओ कुमारी ज्ञानवती दायरे में आये थे. उसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया.

डीडीसी जीउत कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फिर से जांच शुरू की और उक्त लोगों को घोटाले में शामिल होने कि बात कही. सबसे हैरत की बात तो यह है कि आठ माह पूर्व ही जब पंचायत सचिव सच्चिदानंद मिश्र को मामले में संलिप्त होना बताया गया, तो किन परिस्थितियों में प्रशासन ने जगतौली के अलावा हुस्सेपुर एवं बनकटा जागीरदारी का प्रभार भी सौंप दिया गया.

अब लोग प्रशासन के इस कारनामे को शक की निगाह से देखने लगे हैं. लोगों का कहना है कि आखिर क्यों इस पंचायत सचिव को तीन-तीन पंचायतों का जिम्मा दिया गया. वैसे इस संबंध में भोरे के बीडीओ ने बताया कि जगतौली का मामला उच्चाधिकारियों के पास है. उनके निर्देश के बाद ही इसमें शामिल लोगों पर कार्रवाई होगी.

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