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2017 से सिंचाई के लिए अलग से होगा फीडर

2017 से सिंचाई के लिए अलग से होगा फीडरजल्द जारी होगा टेंडरपूरे राज्य में 1400 फीडर होगा स्थापितबनेगा 300 नया पावर सब स्टेशन पटवन के लिए अलग से मिलेगी बिजलीसंवाददाता,पटनासाल 2017 में प्रदेश के किसानों को खेती के लिए अलग से बिजली फीडर उपलब्ध करा दिया जायेगा. इस योजना को जमीन पर उतारने में दो […]

2017 से सिंचाई के लिए अलग से होगा फीडरजल्द जारी होगा टेंडरपूरे राज्य में 1400 फीडर होगा स्थापितबनेगा 300 नया पावर सब स्टेशन पटवन के लिए अलग से मिलेगी बिजलीसंवाददाता,पटनासाल 2017 में प्रदेश के किसानों को खेती के लिए अलग से बिजली फीडर उपलब्ध करा दिया जायेगा. इस योजना को जमीन पर उतारने में दो साल लगेंगे. इसे अमलीजामा पहनाने के लिए पूरे राज्य में अलग से 1400 फीडर स्थापित किया जायेगा. इसके अलावा 300 नये पावर सब स्टेशन बनाये जायेंगे. इसमें 33 व 11 केवी लाइन का विस्तार किया जाना है. फीडर के अलावा नया पावर सब स्टेशन बनाने के साथ 25 केवीए का डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर लगाना है. इस योजना को केंद्र से स्वीकृति मिल चुकी है. इसे अमलीजामा पहनाने के लिए केंद्र सरकार की रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन, बिहार सरकार व बिजली कंपनी के साथ त्रीपक्षीय एग्रीमेंट हुआ है. बिजली कंपनी ने पूरा मसौदा तैयार कर बिहार सरकार के पास भेज दी है. बिहार सरकार के विभिन्न विभाग से सहमति मिलने के साथ ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी. मिली जानकारी के अनुसार बिजली कंपनी ने ग्रामीण क्षेत्र में इस काम को पूरा कराने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी का चयन कर लिया है. यूआरएस कंपनी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट का काम करेगी. एजेंसी द्वारा परियोजना के तहत होनेवाले काम का खाका तैयार करेगी कि कहां फीडर, पावर सब स्टेशन आदि काम होना है. सिंचाई के लिए अलग से फीडर लगाने का काम केंद्र के साथ मिल कर बिहार सरकार इस योजना को पूरा करेगी. पूरी योजना पर लगभग 5800 करोड़ खर्च होगा. इसमें केंद्र सरकार 60 फीसदी व राज्य सरकार 40 फीसदी राशि लगाएगी. यानी पूरी योजना पर केंद्र 3480 करोड़ व बिहार सरकार 2320 करोड़ खर्च करेगी. दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना से ग्रामीण क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था के लिए बिजली परियोजना पर काम होना है. योजना में हर खेत को पानी पहुंचाने के लिए पटवन के लिए बिजली उपलब्ध कराने की व्यवस्था है.5800 करोड़ का है काम सिंचाई के लिए अलग से बिजली की व्यवस्था के लिए लगभग 5800 करोड़ से बिजली परियोजना पर काम होना है. इसमें साउथ बिहार व नाॅर्थ बिहार पावर वितरण कंपनी ने अलग-अलग डीपीआर तैयार की है. डीपीआर के अनुसार साउथ बिहार में नया पावर सब स्टेशन 117 बनाने की जरूरत है. 11 केवी के 565 फीडर लगाये जायेंगे. 33 केवी का 58 फीडर लगेगा जहां से सब लाइन निकाल कर बिजली आपूर्ति की व्यवस्था होगी. साउथ बिहार के 17 जिले के ग्रामीण क्षेत्र के लिए 25 केवीए के लगभग 28 हजार डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर लगाये जायेंगे. फीडर से बिजली आपूर्ति के लिए 33 केवी के 1594 किलोमीटर व 11 केवी के 6500 किलोमीटर बिजली तार लगाया जायेगा. नाॅर्थ बिहार के 21 जिले के ग्रामीण क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था के लिए लगभग 800 फीडर लगेगा. नया पावर सब स्टेशन 170 बना कर बिजली आपूर्ति की व्यवस्था होगी. 25 केवीए के लगभग 40 हजार डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर लगाये जायेंगे. ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि सिंचाई के लिए अलग से फीडर की व्यवस्था होगी. सेपरेट फीडर होने से सिंचाई के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति करने में सहूलियत होगी. दो साल में सारी प्रक्रिया पूरी कर 2017 से सिंचाई के लिए बिजली आपूर्ति व्यवस्था शुरू कर दी जायेगी.

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