कुचायकोटइस : बार वोट करने की जुनून हर तरफ देखी जा रही थी. हर मुश्किल को पार कर मतदाता वोट करने के लिए पहुंचे थे. मतदाताओं ने उत्साह के साथ मतों का प्रयोग किया. चुनाव आयोग की मानें, तो इनमें करीब पांच से आठ फीसदी मतदाता दूसरे राज्यों से थे. ऐसे भी मतदाता हैं,
जो मतदान के लिए हर मुश्किल पार कर के पहुंचे थे. कुचायकोट में तो एक मतदाता सऊदी अरब से सिर्फ मतदान करने के लिए पहुंचा था. दो लाख रुपये खर्च करके किया वोटफोटो-1 दुबई से आये वीरेश प्रसाद ने शामपुर मतदान केंद्र 149 पर मतदान किया. मतदान के बाद उन्होंने बताया कि वोट देने के लिए उन्होंने दो लाख रुपये से अधिक खर्च किये हैं.
इसके अलावा वेतन अलग से कटेगा. सभी खर्च को जोड़ कर देखा जाये, तो मताधिकार का प्रयोग करने में लाखों रुपये खर्च हुए हैं. हमें अपनी पसंद की सरकार चाहिए, तो ऐसा करना ही होगा. धर्मेंद्र प्रसाद भी चार वर्षां के बाद वोट देने यहां पहुंचे थे. उम्र के आखिरी पड़ाव में किया मतदान कुचायकोट विधानसभा क्षेत्र के जमुनिया गांव की रहनेवाली धनपालो देवी अपनी उम्र के अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी हैं.
उन्होंने ट्राई साइकिल से परिजनों के सहारे मतदान केंद्र संख्या 129 पर मतदान किया. मतदान के बाद बताया कि पिछले 70 साल से मतदान कर रही हूं. मैंने इस बार स्वस्थ बिहार के लिए मतदान किया. मतदान केंद्र संख्या- 149 शामपुर में 95 वर्षीय भागमनी कुंवर ने अपने पुत्र हरेंद्र प्रसाद के सहारे पहुंच कर वोट डाला.
नदी पार कर डाला वोट धूपसागर के मतदाता गंडक नदी के कटाव के कारण विस्थापित होकर जहां-तहां बस गये थे. वोट देने की बारी आयी, तो नाव से बूथ पर पहुंचे और वोट देकर पुन: लौट गये. रामेश्वर प्रसाद, रघुविर शर्मा, कलावती देवी समेत 772 मतदाताओं ने वोट कर बिहार की तकदीर लिखने का काम किया.