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अब बदल जायेगी एनएच-28 की तसवीर
जुलाई में शुरू होगा अधूरे कार्य का निर्माण पुर्जा लायड एजेंसी को सौंपा गया निर्माण कार्य गोपालगंज : इस्ट एंड वेस्ट कॉरीडोर योजना के अंतर्गत अब एनएच-28 का कायाकल्प जल्द होगा. अधूरे एनएच-28 का निर्माण कार्य जुलाई के मध्य में शुरू करने के लिए एनएचआइ ने हरी झंडी दे दी है. गौरतलब है कि लखनऊ […]
जुलाई में शुरू होगा अधूरे कार्य का निर्माण
पुर्जा लायड एजेंसी को सौंपा गया निर्माण कार्य
गोपालगंज : इस्ट एंड वेस्ट कॉरीडोर योजना के अंतर्गत अब एनएच-28 का कायाकल्प जल्द होगा. अधूरे एनएच-28 का निर्माण कार्य जुलाई के मध्य में शुरू करने के लिए एनएचआइ ने हरी झंडी दे दी है. गौरतलब है कि लखनऊ से बरौली तक गुजरनेवाले इस राष्ट्रीय मार्ग का निर्माण कार्य मिर्जापुर से लेकर उत्तर प्रदेश की सीमा बथनाकुटी तक अधूरा है.
इस 41 किमी की दूरी के निर्माण कार्य में 590 करोड़ रुपये खर्च आयेंगे. कार्य का जिम्मा पूर्जालायड एजेंसी को सौंपा गया है. इधर, एनएच-28 के निर्माण कार्य की घोषणा से जिलावासियों में एक नयी उम्मीद जगी है. फिलहाल कार्य का जिम्मा देकर एनएचआइ कार्य शुरू करने की तैयारी में लग गया है.
वर्ष 2014 में फोर लेन निर्माण कार्य हुआ था शुरू : इस्ट एंड वेस्ट कॉरीडोर योजना के अंतर्गत एनएच-28 को फोर लेन बनाने का कार्य वर्ष 2006 में शुरू हुआ था. उस समय यह योजना 253 करोड़ रुपये की थी. वर्ष 2011 तक निर्माण कंपनी पीसीएल ने मात्र 29 फीसदी कार्य कराया और 53 फीसदी राशि का उठाव कर लापता हो गयी. कंपनी को काली सूची में डाल दी गया. तब से आज तक निर्माण कार्य अधूरा है.
अधूरी सड़क पर 750 मौतें : पीसीएल कंपनी द्वारा एनएच-28 के अधूरे निर्माण और जगह-जगह बनाये गये डायवर्सन से सड़क पर मौत का सिलसिला चल पड़ा, जो आज तक जारी है.
पांच वर्षो में 750 मौतें हुईं, वहीं तीन हजार से अधिक लोग घायल हुए. 13 सौ लोग अपना अंग खो बैठे और यह सिलसिला आज भी जारी है.
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