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लौट गया होता दिल्ली, तो बच जाती लक्ष्मण की जान

मृतक लक्ष्मण के घर अब तक नहीं पहुंची पुलिस ग्रामीणों के बीच भय और दहशत का माहौल राजपुर : स्थानीय थाना क्षेत्र के कोनौली गांव में शुक्रवार की रात बरात में हुई हत्या के बाद मृतक के परिजनों से मिलने के लिए पुलिस अभी तक नहीं पहुंची है, जिसकी वजह से अभी भी परिजनों के […]

मृतक लक्ष्मण के घर अब तक नहीं पहुंची पुलिस
ग्रामीणों के बीच भय और दहशत का माहौल
राजपुर : स्थानीय थाना क्षेत्र के कोनौली गांव में शुक्रवार की रात बरात में हुई हत्या के बाद मृतक के परिजनों से मिलने के लिए पुलिस अभी तक नहीं पहुंची है, जिसकी वजह से अभी भी परिजनों के बीच भय और दहशत का माहौल कायम है़ विदित हो कि हरेराम सिंह के 29 वर्षीय पुत्र अपने तीन भाइयों में दूसरे स्थान पर था, जो दिल्ली में रहकर गाड़ी चला कर अपने परिवार काभरण पोषण करता था, लेकिन विगत दिनों मई के अंतिम में उसके छोटे भाई की शादी थी, जिसकी वजह से वह गांव आया था.
शादी के बीते हुए लगभग एक सप्ताह हो गया था, अब इसकी तैयारी पुन: दिल्ली जाने की थी, लेकिन इसी बीच पांच जून को इसके मोहल्ले के जय प्रकाश गुप्ता के घर से बरात जानेवाली थी, जो इसमें शामिल होने के लिए गांव पर ठहर गया. वहीं, गांव के दोस्तों ने भी जबरदस्ती इसे गाड़ी में बैठा कर बरात में लेते गये. इस बारे में मृतक लक्ष्मण की मां पार्वती देवी का कहना है कि मेरे घर पर शादी में जाने के लिए कोई नहीं कहा था. मेरा बेटा शादी में भाग लेने के लिए नहीं जा रहा था.
इसे जबरदस्ती ले जाया गया़ इधर कोनौली गांव के ग्रामीण और बरात में गये लोगों ने दबी जुबान से कहा कि नाश्ता के बाद परदा का सिनेमा चल रहा था. इसी बीच विमलेश राय और इसके अन्य लोगों ने इसे कुछ दूरी पर ले जाकर पहले लात घूसा से मारा, फिर गोली मार हत्या कर दी. घटना के बाद मची अफरातफरी के बाद सभी बराती अपने अपने घर भाग गये. वहीं, घटना को देखने के बावजूद लोग सच बताने से डर रहे हैं. जबकि इस बात को लेकर गांव के चौक-चौराहों से लेकर घरों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर लक्ष्मण की हत्या क्यों हुई.
पुलिस पर मामला दबाने का आरोप : हत्याकांड के इस मामले को लेकर प्रभारी थाना प्रभारी अशोक कुमार से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है. यह सब अफवाह है़
सबसे अधिक चौकानेवाली बात, तो यह है कि जिस व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है, उसके पास से कोई हथियार भी बरामद नहीं किया है. जबकि ग्रामीणों एवं परिजनों का आरोप है कि पुलिस इस मामले को लेकर निष्क्रिय है. यही कारण है कि 48 घंटे बाद भी पुलिस घटनास्थल पर नहीं पहुंच पायी है. जबकि ग्रामीणों का कहना है कि अगर पुलिस इस मामले की जांच करें, तो कई और लोगों का नाम इस हत्या में आ सकता है़ इधर अन्य अपराधियों के बचने से उनका मनोबल बढ़ा हुआ है़

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