गोपालगंज : सरकारी अस्पतालों से एंटी रैबीज इंजेक्शन खत्म हो चुका है. पिछले दो सप्ताह से इंजेक्शन के लिए हाहाकार मचा है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व रेफरल अस्पताल को कौन पूछे, अनुमंडलीय व सदर अस्पतालों में भी इंजेक्शन नहीं है. इंजेक्शन के लिए हर रोज करीब चार सौ मरीज लौट रहे हैं.
अस्पताल में इंजेक्शन के खत्म होने पर दुकानों पर महंगे दाम पर बिक रहा है. नि:शुल्क मिलनेवाले इंजेक्शन को गरीब तबके के लोग महंगे दाम पर खरीदने को विवश हैं. गरमी बढ़ने के साथ ही बंदर, आवारा कुत्ता और सियार समेत अन्य जानवर लोगों को काट कर लहूलुहान कर देते हैं. जानवरों के काटने के बाद इंफेक्शन न फैले, इसलिए एंटी रैबीज इंजेक्शन लेना जरूरी है. लेकिन, सरकारी अस्पतालों में इंजेक्शन नहीं मिल रहा है.
इससे पीड़ित मरीजों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इंजेक्शन दो सप्ताह से मंगाने की बात कह रहे हैं. फंड में उनके पास पैसा भी है, लेकिन दुकानों से अधिक दाम पर मिलने के कारण इंजेक्शन की खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं. यह स्थिति दो माह पहले भी थी. उस समय इंजेक्शन नहीं रहने पर मरीजों ने अस्पताल में हंगामा भी किया था.
हर रोज आते हैं तीन से चार सौ मरीज
एंटी रैबीज इंजेक्शन के लिए सरकारी अस्पतालों में हर रोज तीन से चार सौ मरीज आते हैं. सबसे अधिक इंजेक्शन की खपत सदर अस्पताल में है. हर रोज दो सौ से ढाई सौ मरीज मरीज सदर अस्पताल में एंटी रैबीज के लिए पहुंचते हैं.