ग्रहण का पर्व काल शाम 6.46 बजे से 7.15 बजे तक रहेगागोपालगंज. विक्रम संवत 2072 को पहला खग्रास चंद्रग्रहण चार अप्रैल को होगा. यह पूरे देश में दिखाई देगा. ग्रहण का पर्व काल शाम 6.46 बजे से 7.15 बजे तक रहेगा. इसका सूतक सुबह 6.46 बजे से ही लग जायेगा. ऐसे में मंदिरों के पट बंद रहेंगे. मोक्ष के बाद ही पट खुलेंगे.अमवां निवासी ज्योतिष विशेषज्ञ डॉ विजय ओझा के मुताबिक सूतक लगने के बाद भी सुबह 9.46 बजे तक बच्चे, बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति फलाहार कर सकते हैं. ग्रहण के समय मूर्ति का स्पर्श नहीं करना चाहिए, लेकिन ग्रहण के समय देव पूजन, तर्पण, श्राद्ध, मंत्र आदि कर्म कर सकते हैं. ग्रहण के पूर्व और मोक्ष के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए. ग्रहण काल में गुरु दीक्षा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त होता है. वृष, मिथुन, सिंह, कन्या व कुंभ राशि के लिए यह ग्रहण कष्टदायी होगा. मेष, कर्क, वृश्चिक व धनु राशि के लिए उत्तम होगा. साथ ही मीन, तुला व मकर राशि के लिए सामान्य फल देनेवाला होगा. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए. इस अवधि में मंत्रों का जाप करना सर्वसिद्धि प्राप्त करना का मौका है. जो सर्वश्रेष्ठ माना गया है. ग्रहण के समय गंगा स्नान, गरीबों और ब्राह्मणों को दान करना चाहिए. गाय और गंगा का पूजन करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है.
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चार अप्रैल को विक्र म संवत का पहला चंद्रग्रहण
ग्रहण का पर्व काल शाम 6.46 बजे से 7.15 बजे तक रहेगागोपालगंज. विक्रम संवत 2072 को पहला खग्रास चंद्रग्रहण चार अप्रैल को होगा. यह पूरे देश में दिखाई देगा. ग्रहण का पर्व काल शाम 6.46 बजे से 7.15 बजे तक रहेगा. इसका सूतक सुबह 6.46 बजे से ही लग जायेगा. ऐसे में मंदिरों के पट […]
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