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दुलर्भ संयोग में रविवार व्रत आज

चर्मरोगों से मुक्ति दिलाता है यह व्रत सूर्य को अर्ध के साथ शुरू होती है पूजा संवाददाता , गोपालगंज दुलर्भ संयोग के बीच मार्गशीर्ष (अगहन)माह का रविवार व्रत आज होगा . 23 नवंबर को प्रथम रविवार की व्रत करने से मनुष्य को चर्मरोगों से मुक्ति मिलती है. स्वस्थ रहने के लिए इस व्रत का काफी […]

चर्मरोगों से मुक्ति दिलाता है यह व्रत सूर्य को अर्ध के साथ शुरू होती है पूजा संवाददाता , गोपालगंज दुलर्भ संयोग के बीच मार्गशीर्ष (अगहन)माह का रविवार व्रत आज होगा . 23 नवंबर को प्रथम रविवार की व्रत करने से मनुष्य को चर्मरोगों से मुक्ति मिलती है. स्वस्थ रहने के लिए इस व्रत का काफी योगदान है. वैसे कुष्ठ, नेत्र पीड़ा, दीर्घ योग को छय कर अरोग्यता को प्रदान करने वाले देवाधिदेव सूर्य की पूजा की जाती है. आचार्य पं. जितेंद्र द्विवेदी ने बताया कि धर्म सिंधु मंे वर्णित व्रत परिचय के माध्यम से रविवार व्रत का आरंभ विशेष कर बैशाख ,अगहन , माध में होता है. यह व्रत मार्ग शीर्ष शुल्क पक्ष से ही आरंभ होते चला आ रहा है. शुक्लपक्ष के पहले रविवार को यह व्रत उठाना चाहिए . लेकिन शुक्लपक्ष की दूसरा रविवार 30 नवंबर को पड रहा .जो पंचक में है. जिससे शास्त्ररोक्त निर्णय के अनुसार 23 नवंबर का रविवार करना अति श्रेष्कर होगा. इस दिन संकल्प पूर्वक मित्र नामक सूर्य की पूजा एवं गंध पुष्प आदि से सूर्यार्ध द्वारा पूजन कर प्रार्थना करने का महत्व है.

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