7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शहीदों की खबर सुन 1971 की जंग लड़ चुके देवशरण के फड़क उठे अंग, कहा- पहुंचा दो बॉर्डर पर, धूल चटा दूं दुश्मन को…

गोपालगंज : पुलवामा में कायराना आतंकी हमला और 44 सैनिकों की शहादत पर देश के हर शहर से लेकर गांव तक लोगों में गुस्सा और उबाल है. सभी बदला लेना चाहते हैं. 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़ चुके देवशरण पांडेय ने जब आतंकी हमले और सैनिकों के शहीद होने की खबर सुनी, तो […]

गोपालगंज : पुलवामा में कायराना आतंकी हमला और 44 सैनिकों की शहादत पर देश के हर शहर से लेकर गांव तक लोगों में गुस्सा और उबाल है. सभी बदला लेना चाहते हैं. 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़ चुके देवशरण पांडेय ने जब आतंकी हमले और सैनिकों के शहीद होने की खबर सुनी, तो आंख खोलते हुए उन्होंने कहा कि ‘मुझको पाकिस्तान बॉर्डर पर पहुंचा दो, मैं इस कायराना हमले और शहीदों के खून का बदला दुश्मन को धूल चटा का दूंगा.

92 वर्ष की उम्र में देवशरण जी का शरीर और उनकी चेतन शक्ति दोनों लगभग जवाब दे चुकी है. लेकिन, उन्होंने जब यह खबर सुनी, तो बिस्तर पर पड़े-पड़े ही देवशरण ने ना सिर्फ अपनी आंखे खोली, इर्द-गिर्द देखने लगे. उन्होंने कहा कि एक बार पाकिस्तान को हरा चुका हूं. इस बार जाकर नामोनिशान मिटा दूंगा.

शहर के वार्ड-22 राजेंद्रनगर में रह रहे देवशरण पांडेय 1971 का पाकिस्तान युद्ध बतौर भारतीय सेना 13 दिनों तक लड़ चुके हैं. फिलहाल वे अस्वस्थ हैं. आज भी उनके जेहन में 1971 के युद्ध का हर मंजर याद है. वे कहते हैं कि एक दिन युद्ध में अकेले मैंने नौ पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया था. इसके लिए उन्हें ट्रॉफी और मेडल भी मिला. देश के लिए जीना, मरना और दुश्मन को मारना ही लक्ष्य था, और है.

44 सैनिकों की शहादत पर कांपते हुए शरीर से देवशरण ने कहा कि दुश्मन के घर में घुसकर जवाब देना चाहिए, ताकि फिर कभी कोई इस प्रकार की कायराना हरकत ना करे. सरकार ही नहीं, देश के हर नागरिक की जिम्मेवारी की है कि देश की रक्षा करे. हमारे सैनिकों में इतना दम है कि वे किसी भी दुश्मन देश का नामोनिशान मिटा सकते हैं और इसका जोरदार बदला लेना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें