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गोलियों की तड़तड़ाहट से फिर दहला कटेया, दहशत

पंचदेवरी : कटेया में मंगलवार की देर शाम कुख्यात मुन्ना मिश्रा के शूटर विकास सिंह की गोली मारकर हत्या किये जाने के बाद एक बार फिर दहशत का माहौल कायम हो गया है. लगातार हो रहे आपराधिक वारदातों से इलाके के लोग खौफजदा हैं. 17 मई को थाना क्षेत्र के मझवलिया व खालगांव के बीच […]

पंचदेवरी : कटेया में मंगलवार की देर शाम कुख्यात मुन्ना मिश्रा के शूटर विकास सिंह की गोली मारकर हत्या किये जाने के बाद एक बार फिर दहशत का माहौल कायम हो गया है. लगातार हो रहे आपराधिक वारदातों से इलाके के लोग खौफजदा हैं. 17 मई को थाना क्षेत्र के मझवलिया व खालगांव के बीच बन रही सड़क का निर्माण कार्य बंद कराने की धमकी देते हुए सरेआम फायरिंग, 24 मई को बगही बाजार सहित कई जगहों पर गोलीबारी व सीरियल लूटकांड,

15 जून को नटवां बेस कैंप में सैप जवान की गोली मारकर की गयी हत्या की चर्चा अभी थमी भी नहीं थी, तब तक मंगलवार की शाम हुई कुख्यात विकास सिंह की हत्या के बाद एक बार फिर इलाके के लोग दहशत में आ गये हैं. विकास की हत्या के संबंध में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं. घटनास्थल से भी पुलिस को कोई विशेष साक्ष्य नहीं मिला है. पुलिस ने सिर्फ गोली का एक खोखा बरामद किया है. थानाध्यक्ष गौतम कुमार ने बताया कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. शीघ्र ही वास्तविकता सामने आ जायेगी.

विकास की मौत की खबर के बाद मां का रो-रोकर बुरा हाल
विकास सिंह की मौत की खबर जैसे ही उसके गांव लामीचौर पहुंची, उसके परिजनों में कोहराम मच गया. उसकी मां गीता देवी और पिता विद्या सिंह कुछ माह पूर्व ही ओड़िशा से गांव आये थे. तीन माह पूर्व जब जेल से छूट कर विकास सिंह आया था तो वो सीधे अपनी मां से मिलने गांव पहुंचा था. चार दिन रहने के बाद वो चला गया, उसके बाद सीधे उसकी मौत की खबर ही उसके घर पहुंची. मौत की खबर के बाद उसकी मां का रो-रोकर बुरा हाल है. उसके पिता विद्या सिंह पहले से ही मानसिक बीमारी से जूझ रहे हैं. छोटा भाई विपुल भी हाल ही में विदेश से अपने घर वापस लौटा था. विकास सिंह की अब तक शादी नहीं हुई थी. वहीं, विकास सिंह की हत्या के मामले में अभी तक कोई भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है.
ओड़िशा में ली थी शिक्षा, फिर आया अपराध जगत में
मृत विकास सिंह के दादा वासुदेव राय लामीचौर पंचायत के लगातार 27 वर्षों तक मुखिया रहे. उनके पुत्र विद्या सिंह ने अपना व्यापार ओड़िशा के भुवनेश्वर में खड़ा किया. इसके बाद वे अपनी पत्नी गीता देवी को साथ लेकर वहीं चले गये. वहां विकास सिंह और उसके छोटे भाई विपुल सिंह का जन्म हुआ. विकास सिंह की शिक्षा ओड़िशा में ही हुई, पढ़ाई के बाद छुट्टियों में जब वह अपने घर लामीचौर आया तो उसकी दोस्ती उसी गांव के अशोक सिंह के साथ हो गयी. अशोक सिंह की सांठगांठ उस समय भी कुछ अपराधियों से थी. उसके बाद विकास सिंह इस दलदल में फंसता चला गया.
11 वर्ष बाद कटेया में दिखायी विकास सिंह ने अपनी उपस्थिति
23 अगस्त 2007 को हुए बैंक मैनेजर हत्याकांड के बाद विकास सिंह की उपस्थिति कटेया में 11 वर्षों तक नहीं दिखी. लेकिन रंगदारी को लेकर मुन्ना मिश्रा की कटेया में बढ़ी सरगर्मी के कारण वर्ष 26 जनवरी 2017 को रंगदारी को लेकर एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मी को गोली मार कर घायल कर दिया गया था. सात अप्रैल 2017 को कटेया थाना क्षेत्र में हुए फर्नीचर व्यवसायी मुमताज हत्याकांड में विकास सिंह का नाम सामने आया था. इसके पूर्व गोपालगंज में वर्ष 2016 में के चौधरी स्वीट हाउस पर रंगदारी को लेकर हुई बमबाजी एवं वर्ष 2017 में खुशी शू हाउस से मांगी गयी रंगदारी के मामले में विकास सिंह का नाम सामने आया था. उसके बाद भोरे के तत्कालीन थानाध्यक्ष ने उसे लामीचौर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. उसके आपराधिक मामलों को देखते हुए जेल प्रशासन ने उसे भागलपुर सेंट्रल जेल भेज दिया था, जहां से विकास सिंह तीन माह पूर्व ही बाहर आया था. जेल से छूटने के बाद विकास सिंह ने 24 मई 2018 को कटेया के बगहीं में सीरियल लूट की घटनाओं को अंजाम दिया था.

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