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टेरर फंडिंग में गोपालगंज का युवक गिरफ्तार

महाराष्ट्र के पुणे से कानपुर एटीएस ने दबोचा गोपालगंज : लश्कर-ए-तैयबा के लिए टेरर फंडिंग जुटाने वाले प्रकरण का मास्टरमाइंड गोपालगंज के हजियापुर के रहने वाले रमेश साह को यूपी एटीएस की कानपुर यूनिट ने महाराष्ट्र एटीएस की मदद से महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार कर लिया. उसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जा रहा […]

महाराष्ट्र के पुणे से कानपुर एटीएस ने दबोचा

गोपालगंज : लश्कर-ए-तैयबा के लिए टेरर फंडिंग जुटाने वाले प्रकरण का मास्टरमाइंड गोपालगंज के हजियापुर के रहने वाले रमेश साह को यूपी एटीएस की कानपुर यूनिट ने महाराष्ट्र एटीएस की मदद से महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार कर लिया. उसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जा रहा है. गुरुवार को पुणे की कोर्ट ने तीन दिन के लिए ट्रांजिट रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया है. रमेश गोरखपुर में रहकर उत्तर बिहार समेत कई राज्यों में लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंड जुटाने का काम करता और कराता था. सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि गोपालगंज में स्थित हजियापुर कैथोलिया का रहने वाला रमेश साह गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र स्थित सर्वोदय नगर में बस गया है.
गोरखपुर में असुरन चुंगी के पास उसका सत्यम शॉपिंग मार्ट है, जहां से वह अपना व्यवसाय करता है. टेरर फंडिंग मामले में 24 मार्च, 2018 को गोरखपुर से छह अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था, जिसमें मांझा थाना क्षेत्र के आलापुर गांव के मुकेश कुमार भी शामिल था. जबकि, एटीएस को चकमा देकर रमेश भागने में सफल रहा था. रमेश इन दिनों पुणे में रहकर अपना नेटवर्क संभाल रखा था. पाकिस्तानी हैंडलर के निर्देश पर आपराधिक षड्यंत्र व कूटरचना करते हुए विभिन्न बैंक के खातों में भारत के विभिन्न स्थानों से बड़ी धनराशि मंगवाकर अलग-अलग जगहों पर लोगों में बांटता था. इस संबंध में एटीएस के लखनऊ थाने में धारा 420, 467, 468, 471, 120बी व 121ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. रमेश शाह इस पूरे नेटवर्क का सरगना था.
फर्जी प्रपत्रों को तैयार करने का माहिर है रमेश
रमेश साह कंप्यूटर का अच्छा जानकार है और फर्जी प्रपत्रों को तैयार करने का माहिर है. इंटरनेट काल के माध्यम से पता चलता था कि धन आ गया है. इसके बाद रमेश के कहने पर मुकेश नाम का अभियुक्त खाताधारकों को फोन करके पैसे के आने की पुष्टि करता था व खाताधारकों को उनका हिस्सा देकर बाकी पैसा निकलवा लेता था, जो रमेश के ही बताये हुए लोगों को वितरित किया जाता था. रमेश के ही निर्देश पर मध्य पूर्व के देशों से जम्मू-कश्मीर, केरल व पूर्वोतर के कई राज्यों से एक करोड़ रुपये से भी ज्यादा धन प्राप्त किया गया व निकाल कर विभिन्न स्थानों पर वितरित किया गया. विदेशी हैंडलर को कब पैसे जाने हैं, यह सिर्फ रमेश ही जानता था. उसे गिरफ्तार करने वाली टीम में एटीएस के डीएसपी मनीष सोनकर के अलावा एसआई खादिम सज्जाद, कांस्टेबल रामजस व संजय सिंह शामिल हैं. एटीएस के आईजी असीम अरुण ने टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है.
खुफिया रिपोर्ट पर पुणे में हुई छापेमारी : हजियापुर से जाकर रमेश छोटा भाई व पिता के साथ मोहद्दीपुर में ओवरब्रिज के नीचे सब्जी की दुकान लगाता है. वांछित रमेश शाह की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा था. इस में अन्य सुरक्षा एजेंसियों से भी सहयोग लिया जा रहा था. इन्हीं प्रयासों से एटीएस की कानपुर यूनिट भी महाराष्ट्र के पुणे में खुफिया सूचनाएं जुटा रही थीं, जहां से अंतत: सरगना रमेश शाह की गिरफ्तारी हुई. वह इसी मुकदमे में पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्त मुकेश कुमार के साथ किराये पर रामजी पाठक के मकान में रह रहा था.

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