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अनशन पर किसान, नहीं ली जा रही है सुध
सासामुसा : सासामुसा चीनी मिल को चालू कराने के लिए अनशन पर बैठे सत्याग्रही किसानों की अब हालत बिगड़ने लगी है. अनशन पर होने के कारण उनका बीपी गिर रहा है. प्रशासन की ओर से उनके हेल्थ की जांच तो दूर कोई पूछने तक नहीं जा रहा. जिससे किसानों में काफी आक्रोश व्याप्त है. कुछ […]
सासामुसा : सासामुसा चीनी मिल को चालू कराने के लिए अनशन पर बैठे सत्याग्रही किसानों की अब हालत बिगड़ने लगी है.
अनशन पर होने के कारण उनका बीपी गिर रहा है. प्रशासन की ओर से उनके हेल्थ की जांच तो दूर कोई पूछने तक नहीं जा रहा. जिससे किसानों में काफी आक्रोश व्याप्त है. कुछ लोगों के द्वारा यह भी भ्रम फैलाने का काम किया गया है कि सत्याग्रह चीनी मिल की तरफ से प्रायोजित है. इसके कारण प्रशासन की ओर से चुप्पी साध ली गयी है.
किसानों ने कहा कि जब तक चीनी मिल चालू नहीं होती, तब तक आंदोलन को चरणबद्ध तरीके से जारी रखेंगे. चीनी मिल मजदूरों की मौत के बाद से फैक्टरी बंद है. सत्याग्रह आंदोलन के प्रति सांसद, विधायक व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा निंदनीय है. जिला प्रशासन और स्थानीय प्रशासन के लोग सुधि नहीं ले रहे. मिल चालू कराने के लिए मिल मालिक के द्वारा प्रयास नहीं किया जा रहा. मिल प्रबंधन के द्वारा मृत मजदूरों के परिजनों को अब तक मुआवजा नहीं दिया जा रहा. अनशन के समर्थन में उतरे सीपीएम के सचिव शिवनारायण बारी ने कहा कि धरातल पर किसान मजदूर एवं मिल कर्मी भूखे मर रहे हैं .
सासामुसा में चीनी मिल से जुड़े किसान आत्महत्या करने पर विवश होंगे. सरकार 3.65 लाख किसानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने को उतारू है.सत्याग्रह आंदोलन को अहिंसा सेना के राष्ट्रीय संयोजक राम कुमार मांझी, आंदोलन का नेतृत्व कर रहे दियारा संघर्ष समिति के संयोजक अनिल मांझी, सच्चिदानंद ठाकुर राष्ट्रीय सचिव किसान सभा रघुनाथ सिंह संयुक्त सचिव किसान सभा मैनेजर माली, राजद नेता अरुण सिंह, सुनील यादव, आरिफ खान, मिथिलेश कुमार राय, भूपेंद्र पांडे, मेघनाथ चौबे, अरुण सिंह, अर्जुन यादव, उमेश यादव आदि उपस्थित थे.
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