शादी की चर्चा में डूबे रहे इलाके के लोग
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दहेज नहीं, दुल्हन को अपनाकर िदवाकर ने युवाओं को दिखायी राह
शादी की चर्चा में डूबे रहे इलाके के लोग कुचायकोट : दहेज नहीं, दुल्हन को अपनाकर समाज के युवाओं को नयी राह दिखा दी. इलाके में बिना दहेज की हुई शादी के समर्थन में गांव के लोग भी अब खुलकर बोलने लगे हैं. यह शादी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दहेज के खिलाफ चल रहे अभियान […]
कुचायकोट : दहेज नहीं, दुल्हन को अपनाकर समाज के युवाओं को नयी राह दिखा दी. इलाके में बिना दहेज की हुई शादी के समर्थन में गांव के लोग भी अब खुलकर बोलने लगे हैं. यह शादी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दहेज के खिलाफ चल रहे अभियान से जुड़ा है. मामला प्रखंड के बंगरा गांव के स्व रवींद्रनाथ तिवारी के पुत्र दिवाकर तिवारी की शादी का है. रवींद्रनाथ तिवारी पटना सिविल कोर्ट के वकील थे. उन्होंने दहेज के कारण रोज बिखर रहे परिवारों को करीब से देखा था. उनका संकल्प था कि अपने बच्चों की शादी बिना दहेज के करेंगे.
इस बीच उनका निधन 25 दिसंबर, 2014 में हो गया. उनकी पत्नी शकुंतला देवी ने बच्चों को संभाला. दिवाकर तिवारी तथा प्रभाकर तिवारी के साथ मुंबई में रहने लगी. आईसीआईसीआई बैंक में कार्यरत दिवाकर की शादी की बारी आयी, तो दिवाकर तिवारी ने बिना दहेज की शादी करने का फैसला लिया. इस दौरान दिवाकर ने कंशी सिमरी गांव के विनोद मिश्रा की बेटी प्रिया के साथ बीती रात धूमधाम से शादी की.
दिवाकर तिवारी ने कहा कि बिना दहेज की शादी में परिवार के लोगों का सहयोग काफी महत्वपूर्ण रहा. इसमें विजय तिवारी, विपिन बिहारी तिवारी, तारकेश्वर तिवारी, गोपेश्वर तिवारी, देवेंद्र तिवारी की भूमिका प्रमुख रही.
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