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नाम-पता बदल रह रहे 179 बांग्लादेशी
खुद को किशनगंज और पूर्णिया के होने का करते हैं दावा भोले-भाले लोगों को अपने प्रभाव में लेकर कर रहे मोटिवेट इलाके की गतिविधियों पर नजर रख पास करते हैं सूचनाएं गोपालगंज : कमला राय कॉलेज का छात्र. एनएसयूआई, युवा कांग्रेस के लोकसभा सचिव, कांग्रेस के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने वाले सीधे साधे […]
खुद को किशनगंज और पूर्णिया के होने का करते हैं दावा
भोले-भाले लोगों को अपने प्रभाव में लेकर कर रहे मोटिवेट
इलाके की गतिविधियों पर नजर रख पास करते हैं सूचनाएं
गोपालगंज : कमला राय कॉलेज का छात्र. एनएसयूआई, युवा कांग्रेस के लोकसभा सचिव, कांग्रेस के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने वाले सीधे साधे धन्नु राजा का संबंध लश्कर-ए-तैयबा से होने बाद आम से लेकर खास तक सभी सकते में हैं. इस खुलासे के बाद खुफिया एजेंसियों ने एक और चौकाने वाली रिपोर्ट गृह विभाग को भेजी है, जिसमें तत्काल कदम उठाने की सलाह दी गयी है. जिले में लगभग 179 ऐसे लोग रह रहे हैं, जो बांग्लादेशी हैं.
यहां अपना नाम पता बदल कर एक खास धर्म के नाम पर काम कर रहे हैं. ये खुद को किशनगंज और पूर्णिया का स्थायी निवासी होने का दावा करते हैं. यहां पिछले एक दशक से गांव के भोले-भाले लोगों के बच्चों को तालीम व धर्म के नाम पर अपने प्रभाव में लेकर उनको मोटिवेट करते हैं. इन पर कभी समाज या स्थानीय प्रशासन की नजर नहीं गयी.
आपस में रहता है सबका कनेक्शन : अलग अलग गांवों में अपना ठिकाना बना कर रहने वाले इन बांग्लादेशी नागरिकों का आपस में कनेक्शन बना रहता है. अत्याधुनिक लैपटॉप, टैब से संपर्क के बाद अति सीक्रेट बातें की जाती हैं. इसके लिए कभी-कभी एक-दूसरे से मिल कर अपनी रणनीति तैयार की जाती है.
कई लोगों का है वोटर आईडी कार्ड : गांव में पांच-10 वर्षों से रहने वाले कई लोगों ने तो अपना वोटर आईडी कार्ड भी बनवा लिया है. इनका आधार कार्ड भी है. इन दिनों कानपुर, आजमगढ़, प्रतापगढ़ जैसे जिलों के स्थायी निवासी होने का दावा करते हुए कई गांवों में संदिग्ध लोग मिल जायेंगे.
कहते हैं अधिकारी
खुफिया विभाग की रिपोर्ट की जानकारी नहीं है. वैसे स्थिति पर नजर रखी जा रही है. एनआईए की छापेमारी के बाद सभी थानों को अलर्ट कर दिया गया है. पुलिस अपने स्तर से जो भी सूचना मिलेगी तत्काल कार्रवाई करेगी.
मृत्युंजय कुमार, एसपी, गोपालगंज
गोपालगंज : एनएसयूआई के बेदार बख्त ऊर्फ धन्नु राजा का क्रेज स्वीफ्ट कार खरीदने के बाद से बढ़ गया था. तीन वर्ष पूर्व कार खरीदने के बाद धन्नु दिन-रात बड़े लोगों से संबंध बनाने में जुटा था. धन्नु का संबंध राजद, कांग्रेस के मंत्रियों के अलावा प्रमुख दिग्गजों से था. उसकी मंशा क्या थी, यह तो एनआईए ही खुलासा कर सकेगी. लोगों की बातों पर यकीन करें तो अचानक कार खरीदने के बाद पार्टी में भी उसकी सक्रियता बढ़ गयी थी. वह कांग्रेस के नाम पर राजनीति कर अपने गुप्त मंसूबों पर काम कर रहा था.
उपद्रव कांड में धन्नु की गिरफ्तारी से कतराती रही पुलिस : सरेया वार्ड नं एक से एनआईए की टीम के हत्थे चढ़े धन्नु राजा के कारनामों की भनक तक किसी को नहीं थी. स्थानीय खुफिया एजेंसियां भी नाकाम थीं. पुलिस तो धन्नु की गिरफ्तारी शहर के उपद्रव कांड में भी नहीं कर पायी थी. उसके रसूख के कारण पुलिस उसपर हाथ डालने से परहेज कर रही थी. कहा जा रहा है कि किसी बड़े राजनेता की पैरवी के कारण पुलिस कार्रवाई करने से कतरा रही थी.
धन्नु से जुडे लोग पूरे दिन रहे बेचैन : लश्कर-ए-तैयबा से संबंध होने पर शहर के सरेया से गिरफ्तार धन्नु राजा से जुड़े कई करीबी भूमिगत हो चुके हैं. तो कई लोग दिन भर पल-पल की स्थिति की जानकारी लेने के लिए बेचैन दिखे. धन्नु के फेसबुक से भी कई लोग रविवार को आॅनफ्रैंड भी हो गये. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष समेत बड़े नेता तो पहले ही अपने को किनारा कर चुके हैं. अब उसके करीबी भी खुद से किनारा करने में लगे हैं. लोगों को इस बात का भय है कि धन्नु एनआईए के सामने किसका नाम लेता है.
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