दुखद. हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल में तोड़फोड़ व पिटाई से नाराज डॉक्टरों का तीसरे दिन भी कार्य बहिष्कार
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हड़ताल से खतरे में मरीजों की जान
दुखद. हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल में तोड़फोड़ व पिटाई से नाराज डॉक्टरों का तीसरे दिन भी कार्य बहिष्कार हथुआ : अनुमंडलीय अस्पताल में तोड़फोड़ की घटना की बाद से ताला लटका हुआ है. अस्पताल में सोमवार को तीसरे दिन भी ओपीडी व इमरजेंसी में ताले लटके रहे. अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे हुए […]
हथुआ : अनुमंडलीय अस्पताल में तोड़फोड़ की घटना की बाद से ताला लटका हुआ है. अस्पताल में सोमवार को तीसरे दिन भी ओपीडी व इमरजेंसी में ताले लटके रहे. अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे हुए हैं.
प्रशासन की तरफ से हड़ताल तोड़वाने के लिए कोई मुकम्मल प्रयास नहीं किया जा रहा है. नतीजा है कि मरीजों की जान आफत में पड़ी हुई है. लगभग 148 मरीजों को अस्पताल से लौटना पड़ा. डॉक्टरों के नहीं रहने से प्रसव के मरीजों को भी रेफर किया जा रहा है. मरीजों को निजी अस्पताल में इलाज कराना पड़ रहा है. हथुआ और मीरगंज के निजी नर्सिंग होम में मरीजों की भीड़ बढ़ गयी है.
स्वास्थ्य विभाग ने किया इलाज शुरू होने का दावा : हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल में तीसरे दिन एक भी मरीज को नहीं देखा गया. अस्पताल आनेवाले मरीजों को लौटा दिया गया.
जब इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ एके चौधरी से संपर्क स्थापित किया गया, तो उन्होंने कहा कि सोमवार की सुबह से अनुमंडलीय अस्पताल में मरीजों को देखा जा रहा है. हथुआ अस्पताल में डॉ रामेश लाल राम तथा डेंटिस्ट के द्वारा मरीजों की जांच की रिपोर्ट मिली है. अगर अस्पताल में इलाज नहीं हुआ है, तो यह मामला गंभीर है. इसकी जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
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