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विशंभरपुर बाजार पर कटाव का खतरा

त्रासदी. कुचायकोट व बैकुंठपुर में गंडक के बदलते रुख ने लोगों को सकते में डाला गंडक का रुख पल-पल बदल रहा है. नदी के तेवर को देख दियारे के लोग बाढ़ की आशंका से सहमे हुए हैं. नदी कब उग्र रूप ले ले कहना मुश्किल है. गोपालगंज : कुचायकोट प्रखंड की कालामटिहनिया पंचायत पिछले पांच […]

त्रासदी. कुचायकोट व बैकुंठपुर में गंडक के बदलते रुख ने लोगों को सकते में डाला

गंडक का रुख पल-पल बदल रहा है. नदी के तेवर को देख दियारे के लोग बाढ़ की आशंका से सहमे हुए हैं. नदी कब उग्र रूप ले ले कहना मुश्किल है.
गोपालगंज : कुचायकोट प्रखंड की कालामटिहनिया पंचायत पिछले पांच वर्षों से नदी के निशाने पर है. नदी इस पंचायत के नौ गांव और टोला को अपने आगोश में ले चुकी है. फिर भी धारा शांत नहीं है. अब विशंभरपुर बाजार पर नदी के कटाव का खतरा बढ़ गया है. तेजी से नदी दक्षिण की तरफ शिफ्ट करती जा रही है. इसके कारण यहां स्थिति भयावह होती जा रही है. नदी आबादी की तरफ बढ़ती जा रही है. विशंभरपुर बाजार के पास निर्माणाधीन बांध के करीब नदी पहुंच चुकी है, जिससे यहां के लोग सहमे हैं. विशंभरपुर गांव के आंगनबाड़ी केंद्र, प्लस टू हाइस्कूल, राजकीय मध्य विद्यालय भी निशाने पर हैं.
गंडक के जल स्तर में सोमवार की सुबह से कोई खास बढ़ोतरी नहीं हो रही है. वैसे शनिवार को छोड़ा गया 1.82 लाख क्यूसेक पानी गंडक नदी में जिले के जल अधिग्रहण क्षेत्र से गुजर चुका है. वहीं रविवार को वाल्मीकिनगर बराज से डिस्चार्ज किया गया 1.65 लाख क्यूसेक पानी अभी गुजरना शेष है. बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता आरके शाही ने बताया कि सोमवार को गंडक नदी का डिस्चार्ज लेवल घट कर 1.12 लाख क्यूसेक पर आ गया है. मंगलवार की शाम तक नदी के जल स्तर में गिरावट आने की संभावना है.
बैकुंठपुर में बाढ़ के पानी से घिरी आबादी : बैकुंठपुर. प्रखंड के दियारे क्षेत्र सहित कई गांवों में सैकड़ों की आबादी बाढ़ के पानी से घिर चुकी है. गम्हारी पंचायत के शीतलपुर व पकहां गांवों में रविवार की रात बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. दोनों गांवों की सैकड़ों की आबादी बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिर चुकी है. हालांकि किसी के घर में अब तक पानी प्रवेश करने की सूचना नहीं है. पकहां और शीतलपुर गांवों में पानी फैलने की स्थिति में सुरक्षा के ख्याल से बिजली की सप्लाइ काट दी गयी है. कनीय अभियंता रविंद्रनाथ पांडे ने बताया कि बाढ़ के पानी से किसी प्रकार का हादसा नहीं हो इसके लिए बिजली सप्लाइ बाधित की गयी है. उधर शीतलपुर, खोम्हारीपुर, पकहां गांव पानी से घिर जाने के कारण आमतौर पर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. ऊमस भरी गरमी में लोगों को दिन काटना मुश्किल हो गया है. बाढ़ के पानी से घिरे लोगों को बाहर निकालने के लिए एकमात्र नाव का ही सहारा है. सीओ राणा रंजीत सिंह ने बताया कि गंडक नदी ओवरफ्लो करने के कारण दियारे में पानी फैल चुका है. मवेशियों के बीच चारा का संकट उत्पन्न हो गया है. वहीं गन्ने एवं धान की फसलें पानी से डूब चुकी हैं.

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