आरोपितों ने युवती का अश्लील वीडियो बनाकर कर दिया था वायरल 23 अप्रैल 2018 की घटना, दो वर्ष बाद 16 जुलाई 2020 को प्राथमिकी दर्ज प्रतिनिधि, शेरघाटी. इमामगंज थाना क्षेत्र की एक युवती से जुड़े सात वर्ष पुराने गैंगरेप केस में शेरघाटी की अदालत ने दो अभियुक्तों को दोषी ठहराया है. यह मामला शुरुआत से ही कई सवालों के घेरे में रहा. क्योंकि, घटना 23 अप्रैल 2018 की थी, जबकि एफआइआर दो वर्ष बाद 16 जुलाई 2020 को दर्ज करायी गयी. बावजूद इसके अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद दोनों अभियुक्तों को दोषी मानते हुए अगली तारीख पर सजा सुनाने का आदेश दिया है. लोक अभियोजक अब्दुर समी ने बताया कि एडीजे-1 लवकुश कुमार की अदालत में पांच वर्षों तक मुकदमे की सुनवाई चली. अदालत ने उपलब्ध साक्ष्य और गवाही के आधार पर रानीगंज के रहने वाले राहुल कुमार और रामाशीष कुमार को दोषी माना है. तीसरा अभियुक्त रंजीत कुमार अब भी फरार है. इस मामले की पीड़िता ने आरोप लगाया था कि गैंगरेप के दौरान तीनों अभियुक्तों ने उसका वीडियो बनाकर उसे वायरल किया, जिससे उसकी शादी टूट गयी. पीड़िता के अनुसार, आरोपित लगातार धमकी देते रहे, जिसके कारण वह लंबे समय तक शिकायत दर्ज नहीं करा सकी थी. अभियुक्तों के वकील ने कहा कि एफआइआर में दो वर्ष की देरी, गवाहों के बयानों में विरोधाभास, कई गवाहों के मुकर जाने जैसी परिस्थितियों के आधार पर उम्मीद थी कि अभियुक्तों को राहत मिलेगी. लेकिन, अदालत ने निर्णय लेते हुए आरोपों को गंभीर मानकर दोष सिद्ध कर दिया. उन्होंने कहा कि वह फैसले का अध्ययन कर रहे हैं और जल्द ही उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगे. अब अगली तारीख पर होने वाली सजा का इंतजार है, जो इस लंबे चले मुकदमे का अंतिम पड़ाव तय करेगा.
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