गया जी. जिला समाहरणालय के सभाकक्ष में शनिवार को आयोजित जिलास्तरीय सतर्कता व अनुश्रवण समिति की बैठक में जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) से संबंधित मामलों को गंभीरता से लेती है. सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि पीड़ित परिवारों को त्वरित सहायता उपलब्ध करायी जाये. बैठक में डीएम ने निर्देश दिया कि एससी-एसटी अत्याचार से जुड़े मामलों में पीड़ित परिवारों को समयबद्ध सहायता दिलाना सभी विभागों की सामूहिक जिम्मेदारी है. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि फरार आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाये और चार्जशीट दाखिल करने में किसी प्रकार की देरी न हो. जिला कल्याण पदाधिकारी ने जानकारी दी कि सितंबर 2020 के बाद हत्या के मामलों में मृतकों के आश्रितों को चतुर्थ वर्ग की सरकारी नौकरी अनुकंपा के आधार पर देने का प्रावधान किया गया है. इस दिशा में संबंधित मामलों में आवश्यक कागजात जिला अनुकंपा समिति को भेजे गये हैं.
अब घर बैठे दर्ज होगी जीरो एफआइआर
डीएम ने कहा कि एक जुलाई 2024 से प्रभावी नये कानून के तहत अब कोई भी व्यक्ति किसी भी थाने में जीरो एफआइआर दर्ज कर सकता है, चाहे वह घटना क्षेत्राधिकार में हो या नहीं. साथ ही, व्यक्ति अपने घर से ऑनलाइन आवेदन देकर एफआईआर दर्ज करवा सकता है. आवेदन के तीन दिन बाद संबंधित व्यक्ति को थाने में जाकर हस्ताक्षर करना होगा.
एससी-एसटी मामलों में अब तक 200 से अधिक गिरफ्तारी
डीएम ने बताया कि पिछले सात महीनों में एससी-एसटी कानून के तहत 200 से अधिक आरोपितों की गिरफ्तारी की गयी है. सभी लंबित मामलों में अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए सख्त अभियान चलाया जा रहा है. डीएम ने मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक को निर्देश दिया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट समय पर तैयार कर कल्याण विभाग को भेजें, जिससे पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने में विलंब न हो. साथ ही कल्याण पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे घटनास्थल पर जाकर पीड़ित परिवारों से पूरी जानकारी लें.
गया राज्य का अग्रणी जिला बना
डीएम ने जानकारी दी कि इस वर्ष गया जिले में एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत सर्वाधिक लाभुकों को सहायता प्रदान की गयी है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक मामले में एफआइआर दर्ज करने के समय पीड़ित को ₹150 का अल्पाहार और यात्रा भत्ता भी दिया जा रहा है. इस दिशा में कोई भी मुआवजा फिलहाल लंबित नहीं है.
बैठक में शामिल अधिकारी व प्रतिनिधि
इस बैठक में जिला कल्याण पदाधिकारी, सिविल सर्जन के प्रतिनिधि, प्राचार्य मगध मेडिकल, अभियोजन पदाधिकारी, एससी-एसटी थाना प्रभारी, सांसद प्रतिनिधि नंदलाल मांझी, विधायक प्रतिनिधि देवानंद पासवान, सदस्य डॉ. जितेन्द्र कुमार, उदय प्रसाद, और निरंजन पासवान सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है