बोधगया. कुछ वर्ष पहले बोधगया पैदल यात्री फोरम, परिसर, समनेट, पीपुल्स रिसोर्स सेंटर ने बोधगया नगर पर्षद को वैकल्पिक सड़क डिजाइन का सुझाव दिया है, जिसमें साइकिल चालकों और पैदल यात्रियों के लिए अलग लेन की मांग की गयी है. इसके बावजूद, अभी तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. बोधगया एक ऐसा शहर है जो ज्ञान और शांति की भूमि के रूप में विश्वभर में प्रसिद्ध है व जहां भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था. आज यह शहर दुनिया भर के बौद्ध अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल है और हर साल लाखों लोग यहां आते हैं. लेकिन, इस शहर की सड़कें और ढांचागत सुविधाएं इसके ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व के अनुरूप नहीं हैं. बोधगया में हजारों लड़कियों को मुख्यमंत्री साइकिल वितरण योजना के तहत साइकिल मिली है, जिससे वे अपनी पढ़ाई पूरी करने में सक्षम हो रही हैं और इसे वे अपनी सम्मान और आजादी के रूप में देखती हैं. लेकिन, बोधगया की सड़कें उनके लिए असुरक्षित और असुविधाजनक हैं जो उनके इस भावना को कम करती है. सड़कों पर यातायात की व्यवस्था और सुरक्षा के उपायों की कमी के कारण साइकिल चलाने वाली लड़कियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इस शहर में अध्यात्म के विभिन्न धरोहरों को देखने और समझने के लिए लोग पैदल और साइकिल से आते हैं. लेकिन, क्या उनकी सुविधाओं के अनुसार ढांचागत निर्माण किया जा रहा है? कुछ वर्ष पहले बोधगया पैदल यात्री फोरम, परिसर,समनेट, पीपुल्स रिसोर्स सेंटर ने बोधगया नगर पर्षद को वैकल्पिक सड़क डिजाइन का सुझाव दिया है, जिसमें साइकिल चालकों और पैदल यात्रियों के लिए अलग लेन की मांग की गयी है. इसके बावजूद अभी तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.
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