गया.
गया, जो मोक्ष, ध्यान और बौद्ध धर्म की वैश्विक राजधानी के रूप में जाना जाता है, अब खेलों के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बना रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खेल प्रोत्साहन अभियान के तहत गया के बिपार्ड और बोधगया के आइआइएम परिसर में पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2025 जैसे बड़े खेलकूद का आयोजन किया गया. इसमें तैराकी, खो-खो, थानगाट, योग, गतका, मलखम और कलारीपट्टु जैसे सात पारंपरिक और आधुनिक खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी. इस ऐतिहासिक आयोजन में देश के डेढ़ दर्जन से अधिक राज्यों के युवा खिलाड़ियों ने भाग लिया. इससे पहले गया में इतना बड़ा खेल आयोजन कभी नहीं हुआ था. पवित्र भूमि पर यह आयोजन खेल और आध्यात्म का संगम बन गया. स्थानीय लोगों और कारोबारियों में उत्साह देखा गया. होटल, रेस्तरां, टैक्सी, टूर ऑपरेटरों की आय में दो से तीन गुना वृद्धि हुई. बिपार्ड परिसर में बना विश्वस्तरीय खेल परिसर आयोजन का केंद्र रहा. यहां 30 मीटर का तापमान नियंत्रित स्वीमिंग पूल, फुटबॉल मैदान, साइकलिंग ट्रैक, वॉलीबाॅल, बास्केटबॉल, लॉन टेनिस कोर्ट और मेजर ध्यानचंद खेल परिसर जैसी सुविधाएं मौजूद हैं. भविष्य में घुड़सवारी भी जोड़ी जायेगी. बोधगया के आइआइएम परिसर में जर्मन हैंगर के माध्यम से मलखम और योग प्रतियोगिताएं संपन्न हुईं. बिहार ने विशेषकर गतका में नौ पदक जीतकर कीर्तिमान बनाया और योग सहित अन्य खेलों में भी शानदार प्रदर्शन किया. यह आयोजन गया को न सिर्फ खेलों में नई पहचान देता है, बल्कि इसकी आर्थिक और सांस्कृतिक समृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है