बोधगया. मगध विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर भौतिकी विभाग द्वारा आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के सहयोग से ‘रिसेंट एडवांसमेंट्स इन मटेरियल्स रिसर्च एंड मॉडर्न फिजिक्स’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ. इस अवसर पर देश के विभिन्न प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों एवं शोध संस्थानों से वैज्ञानिक, प्राध्यापक, शोधार्थी तथा छात्र उपस्थित हुए. उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के कुलपति प्रो परमेंद्र कुमार वाजपेयी थे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रो अशोक घोष उपस्थित रहे. कार्यक्रम की अध्यक्षता मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एसपी शाही ने की. अन्य विशिष्ट अतिथियों में विश्वविद्यालय के एडवाइजर डॉ अरुण कुमार एवं कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साइंस, पटना के प्रो संतोष कुमार मौजूद रहे. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और विश्वविद्यालय के कुलगीत की प्रस्तुति से हुई. विभागाध्यक्ष प्रो विजय कुमार वर्मा ने स्वागत भाषण में संगोष्ठी की वैज्ञानिक पृष्ठभूमि, उद्देश्यों एवं शोध की नवीन संभावनाओं पर प्रकाश डाला. मुख्य वक्तव्य में कुलपति प्रो परमेंद्र कुमार वाजपेयी ने ””नैनोसाइंस एंड नैनोटेक्नोलॉजी”” पर विस्तार से व्याख्यान दिया तथा नैनोपार्टिकल्स के गुणधर्मों एवं उनके वैज्ञानिक एवं औद्योगिक उपयोगों की चर्चा की. प्रो अशोक घोष ने पर्यावरणीय संतुलन की आवश्यकता पर बल देते हुए प्लास्टिक प्रदूषण के उदाहरण द्वारा विज्ञान के अंधाधुंध प्रयोग के दुष्परिणामों से सावधान रहने का संदेश दिया. अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो एसपी शाही ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए भौतिकी विभाग को संगोष्ठी के सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएं दीं. उन्होंने विश्वविद्यालय में अपने कार्यकाल के दौरान हुए नवाचारों और शैक्षणिक उपलब्धियों का भी उल्लेख किया. शोधार्थियों ने पोस्टर प्रस्तुतियां भी दीं टेक्निकल सत्रों में डॉ राकेश कुमार सिंह (एकेयू , पटना) एवं डॉ संदीप आशीष (आइआइटी पटना) ने व्याख्यान दिये. साथ ही, शोधार्थियों द्वारा मौखिक एवं पोस्टर प्रस्तुतियां भी दी गयीं, जिनमें भौतिकी विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे नवीनतम शोध कार्यों को दर्शाया गया. संगोष्ठी का मंच संचालन डॉ रेणु रानी ने अत्यंत प्रभावी ढंग से किया. कार्यक्रम में डीन साइंस प्रो वीरेंद्र कुमार, डॉ अंकुरवा सिन्हा, डॉ तन्मय लाहिड़ी, डॉ शिल्पी बनर्जी, डॉ माधव कुमार सिंह, डॉ विश्वतोष मिश्र, डॉ विक्रम प्रसाद, डॉ एकता वर्मा, डॉ कुमार विशाल, डॉ अमित कुमार सिंह, डॉ पिंटू सामंता सहित कई अन्य शिक्षक, शोधार्थी व छात्र उपस्थित रहे. कार्यक्रम के सफल संचालन में भौतिकी विभाग एवं डीडीइ के गैर-शिक्षकीय कर्मचारियों का भी विशेष योगदान रहा. यह संगोष्ठी मटेरियल्स साइंस एवं आधुनिक भौतिकी में हो रहे वैज्ञानिक परिवर्तनों की गहन समझ एवं भविष्य की शोध संभावनाओं को नयी दिशा देने में सहायक सिद्ध होगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है