बोधगया.
मगध विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय एवं एशियाई अध्ययन विभाग के पीएचडी एवं स्नातकोत्तर छात्रों का बोधगया स्थित विभिन्न पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक स्थलों एवं संग्रहालयों का एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण कराया गया. भ्रमण के क्रम में सर्वप्रथम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत स्थानीय पुरातत्व संग्रहालय बोधगया के संग्रहित पुरावस्तु व उसके विभिन्न आयामों के बारे में विस्तार से समझाया गया. विद्यार्थियों ने विभिन्न पुरातात्विक कालखंड के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त पुरावस्तुओं एवं उसके कलात्मक विषयों की जानकारी प्राप्त की. प्राचीन इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विनोद कुमार यादवेंदु के नेतृत्व में विभाग के सभी सहायक प्राध्यापकों द्वारा छात्रों को पुरातत्व एवं प्राचीन मूर्तिकला के विषय में बताया गया. बोधगया संग्रहालय के सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ वीरेंद्र कुमार द्वारा संग्रहालय के प्रबंधन एवं संग्रहों के विभिन्न तकनीकी एवं कानूनी पहलुओं के बारे में बतलाया गया. विभाग के सहायक प्राध्यापकों में डॉ अल्का मिश्रा, डॉ जन्मेजय सिंह, डॉ अनूप भारद्वाज, आलोक रंजन, शंकर शर्मा द्वारा संग्रहालय एवं पुरातात्विक स्थल ताराडीह के विभिन्न पुरातात्विक अवशेषों एवं उत्खनन के बारे में स्थल पर ही चर्चा की गयी. पूरास्थल के पुरातात्विक महत्व को समझते हुए विस्तृत रूप में क्षैतिज उत्खनन करने पर सरकार को पहल करने पर सभी ने जोर दिया. विभागाध्यक्ष ने बताया कि पुरातात्विक अध्ययन के लिए यह पुरास्थल अत्यंत महत्वपूर्ण है. इससे मगध विश्वविद्यालय में अध्ययन करने वाले छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त होगी. शंकर शर्मा ने महाबोधि मंदिर के उत्खनन एवं संरक्षण के इतिहास पर सभी को विस्तार पूर्वक मंदिर परिसर में बताया. विद्यार्थियों ने रुचि दिखाते हुए इस प्रकार के कार्यक्रम करते रहने की आवश्यकता पर बल दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है