बोधगया. मातृत्व में निहित शाश्वत प्रभाव और शक्ति को सम्मान देते हुए मगध विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर गृहविज्ञान विभाग द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के अवसर पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें विद्यार्थियों और फैकल्टी सदस्यों की सक्रिय भागीदारी रही. कार्यक्रम की मुख्य वक्ता एएनएमएमसीएच, गया की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ प्रियंका कुमारी ने सुरक्षित मातृत्व के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि मातृत्व केवल एक जैविक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक सामाजिक और मानसिक जिम्मेदारी भी है. सुरक्षित प्रसव और मातृत्व से न केवल मां का स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है, बल्कि एक स्वस्थ समाज की नींव भी रखी जाती है. डॉ प्रियंका ने जागरूकता लाने की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण जानकारी साझा कीं. यथा, गर्भावस्था के दौरान पोषण, नियमित जांच, स्वच्छता, मानसिक स्वास्थ्य और प्रसवोत्तर देखभाल की आवश्यकता. उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार द्वारा चलायी जा रही कई योजनाएं महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व प्रदान करने के उद्देश्य से बनायी गयी हैं, जिनका अधिकतम लाभ उठाना चाहिए. कार्यक्रम में शिक्षिकाओं एवं छात्राओं द्वारा मुख्य वक्ता डॉ प्रियंका कुमारी को स्मृति चिह्न, पुष्प व फलों की टोकरी देकर सम्मानित किया गया.
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