गया. नगर निगम की रसीद पर 500 रुपये जमा कर विष्णुपद स्थित श्मशानघाट में प्रदूषण रहित शवदाह करने की सुविधा है. करोड़ों रुपये खर्च कर क्रिमिएशन मशीनें लगायी गयी हैं और आसपास के एरिया को डेवलप किया गया है. इसके तहत एसी वेटिंग हॉल व दुकानें बनायी गयी हैं. फिर भी सारी व्यवस्था ढाक के तीन पात साबित हो रही है और खुले में शवदाह किया जा रहा है. साथ ही जहां-तहां दुकानें भी लगायी जाती हैं. कई बार नगर निगम की ओर से घोषणा की गयी कि आवंटित दुकानों में यहां के दुकानदारों को शिफ्ट कर दिया जायेगा, लेकिन नगर निगम की ओर से सर्वे तक नहीं हो सका है. लोगों का कहना है कि खुले में शवदाह का भी टैक्स निगम की ओर से लिया जा रहा है. निगम की ओर से बताया गया था कि इस मशीन में रीति-रिवाज के साथ कम खर्च में प्रदूषण रहित शवदाह किया जा सकेगा, पर लोगों में इस मशीन को लेकर विश्वास नहीं पैदा किया जा सका. हालात यह हैं कि करोड़ों रुपये की मशीन अब शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है.
नगर आयुक्त बदले, स्थिति नहीं
मंदिर के आसपास इलाकाें को सुरक्षित के साथ प्रदूषण मुक्त रखने के लिए क्रिमिएशन मशीनें लगाने की स्वीकृति दी गयी थी. उस वक्त के नगर आयुक्त सावन कुमार ने इस काम को लगभग पूरा करवा दिया था. उनके तबादले के बाद संतोष कुमार को नगर आयुक्त बनाया गया. उनके कार्यकाल में इस योजना का उद्घाटन किया गया, पर इनके रहते इस मशीन में निर्बाध रूप से शवदाह नहीं शुरू कराया जा सका. इसके बाद अभिलाषा शर्मा नगर आयुक्त बनकर यहां आयीं. उन्होंने आते ही कहा कि शवदाह को हर हाल में मशीन से करवाया जायेगा. लेकिन, उनसे भी यह काम संभव नहीं हो सका. अब कुमार अनुराग यहां नगर आयुक्त बनकर आये हैं. इन्होंने भी शवदाह को मशीन में करवाने की बात कही.क्या कहते हैं सहायक स्वच्छता पदाधिकारी
विष्णुपद स्थित श्मशानघाट में पॉल्यूशन को रोकने के लिए ही शवदाह गृह बनाया गया है. ठेकेदार को मशीन में शवदाह के लिए 500 रुपये वसूलने की अनुमति दी गयी है. बाहर में शवदाह करवाकर 500 रुपये वसूलने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इस मामले में जांच की जा रही है.मोनू कुमार, सहायक स्वच्छता पदाधिकारी, नगर निगमB
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