गया. विश्व पृथ्वी दिवस सप्ताह के तहत सीयूएसबी के जियोलॉजी विभाग ने पृथ्वी को बचाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयाेजन किया. प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा आमंत्रित वार्ता व अन्य संबंधित गतिविधियों का आयोजन किया. दिन की शुरुआत कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में मानव शृंखला के साथ हुई, जिसमें विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ आसपास के स्कूलों के लगभग 300 बच्चों ने भाग लिया. उद्घाटन समारोह में सीयूएसबी के कुलसचिव प्रो नरेंद्र कुमार राणा, प्रो डीवी सिंह, प्रो आरपी सिंह के साथ संकाय सदस्य सहित विश्वविद्यालय के पदाधिकारी शामिल हुए. डॉ सिंह ने पृथ्वी को बचाने के लिए ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने और नवीकरणीय संसाधनों के उपयोग की अपील की. जनसंपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मो मुदस्सीर आलम ने बताया कि कार्यक्रम आमंत्रित वक्ताओं के अतिथि व्याख्यानों के साथ आगे बढ़ा. हिमालयी क्षेत्र के भूतापीय ऊर्जा परिदृश्य पर पहला व्याख्यान आइआइटी रुड़की के पृथ्वी विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो संदीप सिंह ने दिया. उन्होंने भारतीय और वैश्विक दोनों संदर्भों में भूतापीय ऊर्जा की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की, इसकी अप्रयुक्त क्षमता और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करने में इसके महत्व पर जोर दिया. जलाशयों के निर्माण में आवश्यक सावधानियों पर प्रकाश डाला जलविद्युत के विकास में भूविज्ञान-एक नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन पर दूसरा व्याख्यान बिहार सरकार के सलाहकार और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के पूर्व उप महानिदेशक डॉ वीके शर्मा ने दिया. डॉ शर्मा ने सतत विकास में जलतापीय ऊर्जा और जलविद्युत की भूमिका, बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की इंजीनियरिंग में भूवैज्ञानिकों के महत्वपूर्ण योगदान और बांधों और जलाशयों के निर्माण में आवश्यक सावधानियों पर प्रकाश डाला. इससे पहले अतिथि वक्ताओं को प्रो प्रफुल्ल कुमार सिंह (कार्यक्रम संयोजक और प्रमुख), डॉ मिलन कुमार शर्मा (कार्यक्रम समन्वयक) और डॉ धीरेंद्र कुमार (सचिव) द्वारा जियोलॉजी विभाग के डॉ विकल कुमार सिंह, डॉ एल कविता चानू और डॉ प्रीति राय की उपस्थिति में स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया. प्रो प्रफुल्ल कुमार सिंह ने पृथ्वी दिवस के महत्व और पारंपरिक जीवाश्म ईंधन के व्यवहार्य विकल्प के रूप में अक्षय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने की बढ़ती आवश्यकता पर जोर दिया. सीयूएसबी के अनुसंधान व विकास प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो दुर्ग विजय सिंह ने भी पृथ्वी दिवस की प्रासंगिकता और पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता और कार्रवाई को बढ़ावा देने में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की. समारोह में गया क्षेत्र के स्कूली छात्रों के लिए एक चित्रकला प्रतियोगिता और सीयूएसबी के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए एक पोस्टर प्रतियोगिता आयोजन किया गया.
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