गया. शहर से अतिक्रमण हटाने के नाम पर नगर निगम की ओर से कोई सार्थक कदम नहीं उठाये जा रहे हैं. पिछले दिनों नगर निगम की ओर से अतिक्रमण हटाने के लिए 30 महिला-पुरुष को रखकर जुर्माना वसूलने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. तीन टीम रोज शहर में निकल रही है. टीम के साथ निगम के एक टैक्स कलेक्टर भी रहते है. फाइन करने के दौरान किसी तरह की दिक्कत होने पर टीम के सदस्य जरूरी कदम उठायेंगे. लगभग रोड में टीम को सफलता नहीं मिल रही है. निगम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, टीम के सदस्य रोड पर जाकर जुर्माना वसूलने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. अब तक टीम के सदस्य महज 52 हजार रुपये ही जुर्माना वसूल पाये हैं. इसका मुख्य कारण है कि जुर्माना वसूलने की बात सुनने पर अतिक्रमणकारी तरह-तरह का जुग्गत लगाना शुरू कर देते हैं. उक्त व्यक्ति किसी कर्मचारी, पार्षद या फिर रसूखदार व्यक्ति का परिचित निकल जाता है. निगम कर्मियों के सामने भी जुर्माना लेने से पीछे हट जाना पड़ता है. कोई जुर्माना देता है, तो वह उस जगह पर अपना कब्जा मान लेता है. राजेंद्र आश्रम रोड, जीबी रोड, दिग्घी तालाब रोड, बाइपास आदि जगहों पर टीम के सदस्यों की ओर से अभियान चलाया गया. अभियान के दौरान कई जगहों पर मारपीट तक की नौबत आ गयी. कार्रवाई के दौरान के लिए ही अस्थायी तौर पर अतिक्रमण को किसी तरह हटाया गया. उसके बाद कुछ ही देर में पहले जैसी स्थिति आ गयी.
अधिकारी अब तक यह कह चुके हैं बात
बोर्ड में टीम गठन के प्रस्ताव पारित करते वक्त बताया गया था कि टीम के सदस्य ड्रेस में रहेंगे. यहां के कर्मचारियों को पुलिस बल की कमी अतिक्रमण हटाया या फिर जुर्माना करते वक्त महसूस नहीं होगी. स्वच्छता पदाधिकारी मोनू कुमार ने टीम को निकलते वक्त कई तरह की बात कही थी. अतिक्रमण मुक्त शहर बनाने में टीम के सदस्य सार्थक सिद्ध होंगे. उपनगर आयुक्त श्यामनंदन प्रसाद ने कहा था कि शहर को बेहतर बनाने के लिए अतिक्रमण हटाना जरूरी है. इसको लेकर निगम की ओर से सार्थक पहल शुरू कर दी गयी है. मेयर डॉ वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान ने घोषणा किया था कि टीम के गठन के बाद शहर में बदलाव दिखने लगेगा.
लोग एक भी जगह नहीं दे रहे साथ
अतिक्रमण हटाने के बाद दोबारा उसी जगह अतिक्रमण नहीं किया जाये, इसके लिए स्थानीय थाना को तत्पर रहना होगा. निगम के कर्मचारियों ने बताया कि एक ही जगह पर रोज-रोज जाना संभव नहीं हो पाता है. बहुत समझाने के बाद भी लोग सहयोग देने को तैयार नहीं रहते हैं. शहर के नालियों पर स्थायी दुकानदार व फुटपाथी का कब्जा किया जाना यहां के लिए आम बात हो गयी है. दुकान अगर पांच फुट का है, तो इतना ही जगह रोड पर भी कब्जा किये रहते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

