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गया लोकसभा चुनाव: आजादी के बाद पहली बार रक्तहीन रहा चुनाव, DM-SSP ने जताई खुशी

शुक्रवार की देर शाम जिला परिषद सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में डीएम डॉ. त्यागराजन और एसएसपी आशीष भारती ने लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न होने पर खुशी जतायी और चुनाव कर्मियों के साथ-साथ जिलेवासियों को बधाई दी.

गया लोकसभा चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया शुक्रवार को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गयी. शहर से लेकर नक्सल प्रभावित इलाकों तक किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. आजादी के बाद संभवत: यह पहला चुनाव है, जब न तो एक भी गोली चली और न ही खून की एक बूंद गिरी. चुनाव पूरी तरह से रक्तहीन था. शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव संपन्न होने के बाद जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम डॉ. त्यागराजन और एसएसपी आशीष भारती ने शुक्रवार की देर शाम जिला परिषद सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में खुशी जाहिर की और चुनाव कर्मियों के साथ-साथ जिलेवासियों को बधाई दी.

डीएम ने बताया कि कड़ाके की धूप व दोपहर में बह रही लहर के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में वोटरों ने निर्भीक होकर कर अपने-अपने वोट का प्रयोग किया. शहरी इलाके में देर शाम तक लोग वोट देने को लेकर लंबी-लंबी कतार में लगे रहे. चुनाव आयोग के निर्देशानुसार गया टाउन, बेलागंज व वजीरगंज विधानसभा क्षेत्रों में शाम छह बजे तक जो वोटर आ गये, उन्हें मतदान करने की इजाजत दी गयी. हालांकि, उन्हें वोटिंग प्रक्रिया कराने में देर शाम हो गयी. लेकिन, शाम छह बजे तक जो वोटर आये, उन्होंने अपने-अपने वोट का प्रयोग किये. हालांकि, कुछ इलाकों में शाम चार बजे तक ही वोटिंग कराने की अनुमति दी गयी थी.

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डीएम ने बताया कि 18 अप्रैल को लग्न का माहौल होने के कारण काफी संख्या में लोग वोटिंग प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए. शादी-विवाह के सिलसिले में व्यस्त होने या किसी रिश्तेदार के घर चले जाने के कारण भी लोग वोट नहीं डाले. इसके बावजूद गया लोकसभा क्षेत्र में 52 प्रतिशत व औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के गया जिले के इमामगंज, गुरुआ व टिकारी विधानसभा क्षेत्र में 50 प्रतिशत वोटिंग हुई है.

तीन बूथों पर वोट बहिष्कार की सूचना मिली थी, पर वहां भी पड़े वोट

डीएम ने बताया कि गुरुआ विधानसभा क्षेत्र में एक बूथ और टिकारी विधानसभा क्षेत्र में दो बूथों पर विभिन्न प्रकार के स्थानीय कारणों से लोगों ने वोट बहिष्कार का निर्णय लिया था. इसके बावजूद इन तीनों बूथों पर कुछ वोट पड़े हैं. इस कारण अब यहां दोबारा वोटिंग की प्रक्रिया नहीं की जायेगी.

इवीएम में गड़बड़ी की शिकायत कम मिली

डीएम ने बताया कि चुनावकर्मियों को बेहतरीन माहौल में इवीएम कमीशनिंग को लेकर प्रशिक्षण दिया गया था. साथ ही चुनावकर्मियों को वोटिंग प्रक्रिया या इवीएम कमीशनिंग से संबंधित किसी प्रकार का संदेह या सवाल उत्पन्न होने पर उसके निबटारे के लिए विशेष रूप से नियंत्रण कक्ष बनाया गया था. ताकि, चुनावकर्मी बेहिचक फोन कर अपनी समस्या को दूर कर लें.

बेहतर प्रशिक्षण के कारण इस बार वोटिंग प्रक्रिया के दौरान इवीएम सहित अन्य मामलों में गड़बड़ी की शिकायत कम मिली. डीएम ने बताया कि पूर्व के चुनावों के आधार पर ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि तीन से चार प्रतिशत इवीएम में तकनीकी गड़बड़ी होता है. लेकिन, इस बार इसका उसकी संख्या करीब एक प्रतिशत के आसपास रही, जो कि काफी संतोषजनक है.

सड़कों के बजाय बॉर्डर इलाके में फोर्स की तैनाती

एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि इस बार चुनाव में फोर्स की तैनाती को लेकर नयी रणनीति बनायी गयी थी. मुख्य सड़कों पर आरओपी लगाने के बजाये झारखंड के सीमावर्ती कोडरमा, हजारीबाग, चतरा व पलामू जिले के बार्डर पर काफी संख्या में पारा मिलिट्री फोर्स की तैनाती की गयी थी. ताकि, झारखंड इलाके से नक्सलियों की गतिविधि नहीं हो सके.

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गुरुआ में बूथ से आरोपित गिरफ्तार

एसएसपी ने बताया कि गुरुआ थाना क्षेत्र के जोगिया गांव में स्थित बूथ नंबर 188 से अरुण भुइंया नामक एक फरार आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार किया. वह शराब के एक मामले में फरार चल रहा था. इसके अलावे बूथ व अपने इलाके में संदिग्ध गतिविधि करने के आरोप में स्थानीय थानों की पुलिस ने 11 लोगों को हिरासत में लेते हुए निरोधात्मक कार्रवाई की है. इसमें कोंच थाना इलाके में चार लोग, पूरा थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति, कोतवाली थाना क्षेत्र में दो व्यक्ति, फतेहपुर थाना क्षेत्र में दो व्यक्ति व इमामगंज थाना क्षेत्र में दो व्यक्ति शामिल हैं. एसएसपी ने बताया कि वोटिंग प्रक्रिया समाप्त होने के बाद 11 लोगों को संबंधित थानों से रिहा कर दिया गया.

अब जिला प्रशासन की नजर स्ट्रांग रूम पर

डीएम व एसएसपी ने बताया कि वोटिंग प्रक्रिया होने के बाद गया लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों से इवीएम को सुरक्षित गया कॉलेज में बनाये गये स्ट्रांग रूम तक लाया जा रहा है. वहां सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं. हर स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है. ताकि, संबंधित जन प्रतिनिधि भी सीसीटीवी के माध्यम से स्ट्रांग रूम पर नजर रख सकते हैं.

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