Gaya News: गया में नगर निगम चुनाव के दो साल से ज्यादा बीत जाने के बाद भी शहर की तस्वीर में कोई खास बदलाव नहीं आया है. शहर को विकसित करने और यहां की हर व्यवस्था को दुरुस्त करने के सपने के बावजूद कोई खास बदलाव नहीं हुआ है. हालांकि, स्वच्छता के मामले में अगर देखें तो गया नगर निगम हमेशा से ही अव्वल रहा है. इसके बाद भी लोग शहर में विकास की आस लगाए बैठे हैं.
बड़े शहरों की तरह काम करने का वादा फेल
गया शहर में आज भी स्थिति यह है कि सभी घरों से प्रतिदिन कूड़ा-कचरा का उठाव नहीं हो पाता है. सभी गलियों में झाड़ू नहीं लगती है. शहर के बीच से लेकर किनारे तक सैकड़ों गलियां और नालियां कच्ची हैं. हर बार लोगों को भरोसा दिलाया जाता है कि बड़े शहरों की तर्ज पर नगर निगम यहां भी काम करेगा. लेकिन चुनाव के बाद नगर आयुक्त और बोर्ड के सदस्यों के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई. इसके अलावा विभिन्न चुनावों के कारण आदर्श आचार संहिता लागू होने से भी काम बाधित रहा है.
एक दर्जन से अधिक गाड़ियां खराब
निगम से मिली जानकारी के अनुसार, एक दर्जन से अधिक गाड़ियां खराब है. निगम बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया जा चुका है कि गाड़ी को लेकर आवश्यक कदम उठाए जाएं. कुछ गाड़ियों की खरीद की गयी, लेकिन उससे भी शहर की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है. इंदौर को टक्कर देने का सपना अब तक अधूरा ही है.
तरह-तरह के वादे किये, पर अब तक नहीं हुए पूरे
चुनाव के दौरान पार्षदों ने वार्ड में जीतने के लिए तरह-तरह के वादे लोगों से किये. विकास की गंगा तक बहाने की बात कही. कई पार्षदों ने कहा कि अब तो हाल यह है कि विकास नहीं होने से तरह-तरह की बातें लोग बोल कर चले जाते हैं. घर से पैसा विकास के काम में लगाया नहीं जा सकता है. दो वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद लोगों ने कहना शुरू कर दिया है कि नेता सिर्फ झूठ बोलने के लिए ही चुनाव में वादा करते हैं. जीतने के बाद सब कुछ भूल जाते हैं.
नये नगर आयुक्त से विकास की उम्मीद
पिछले डेढ़ वर्ष तक अधिकारियों ने सहयोग नहीं किया. कुछ दिनों तक कई चुनाव के चलते आदर्श आचार संहिता के कारण काम बाधित रहे. सच है कि इस बार चुनाव के बाद शहर को बेहतर करने के लिए कोई खास काम नहीं किया जा सका है. नये नगर आयुक्त ने प्रभार लेते ही विकास में बोर्ड का सहयोग करने का आश्वासन दिया है. इनके काम को देख कर लगता है कि सही में शहर को बेहतर करने के लिए तत्पर हैं.
डॉ वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान, मेयर
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