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Gaya News : फर्जी डोनर कार्ड घोटाले के बाद एएनएमएमसीएच में रक्तदान पर वैकल्पिक व्यवस्था

सरकारी व एक-दो बड़ी संस्था ने दिखायी रुचि, नहीं हो रही किसी को दिक्कत

गया जी. अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एएनएमएमसीएच) में ब्लड डोनेशन को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था पर काम शुरू है. हाल ही में फर्जी डोनर कार्ड के जरिये ब्लड इश्यू किये जाने का मामला सामने आने के बाद कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने अस्पताल में रक्तदान से इनकार कर दिया है. इसके जवाब में अस्पताल प्रशासन ने भी उन संस्थाओं से रक्त लेने पर रोक लगा दी है, जिन पर अनियमितता के आरोप हैं. जानकारी के अनुसार, फर्जी डोनर कार्ड के माध्यम से 86 यूनिट ब्लड जारी किये जाने का मामला उजागर हुआ है. इस संबंध में स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. अस्पताल सूत्रों का कहना है कि पहले कई बार डोनर कार्ड के बदले पैसे लेकर ब्लड देने की शिकायतें भी मिल चुकी थीं. इस घोटाले में एक स्वयंसेवी संस्था से जुड़े कार्यकर्ता की संलिप्तता भी सामने आयी थी, जिसके बाद संबंधित संस्था ने रक्तदान से अपने हाथ खींच लिये. फिलहाल 200 यूनिट ब्लड उपलब्ध, इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित नहीं अस्पताल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान में ब्लड बैंक में विभिन्न रक्त समूहों के करीब 200 यूनिट रक्त उपलब्ध है. इमरजेंसी, लावारिस मरीज, थैलेसीमिया पीड़ितों एवं अन्य गंभीर रोगियों को आवश्यकतानुसार रक्त मुहैया कराया जा रहा है. परिजनों की ओर से रक्तदान संभव न होने की स्थिति में भी मरीजों को ब्लड उपलब्ध कराया जा रहा है. ब्लड कार्ड सिस्टम पर पूर्ण विराम घोटाले के उजागर होने के बाद अस्पताल प्रशासन ने डोनर कार्ड पर ब्लड देने की प्रक्रिया पूरी तरह से बंद कर दी है. ब्लड डोनेशन की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अब किसी भी माध्यम से कार्ड आधारित ब्लड इश्यू नहीं किया जायेगा. अस्पताल सरकारी व सामाजिक संस्थाओं से मिल रहा सहयोग ब्लड बैंक की जरूरतों को पूरा करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने विभिन्न संस्थानों से संपर्क किया है. निरंकारी सेवा संस्थान, आइआइएम, जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन और आर्मी यूनिट से लगातार सहयोग मिल रहा है. इसके अलावा, एसएसबी व सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ बिहार (सीयूबी) से भी ब्लड डोनेशन में सहयोग का आश्वासन मिला है. हर समय 200 यूनिट ब्लड स्टॉक सुनिश्चित करना लक्ष्य अस्पताल प्रशासन का लक्ष्य है कि किसी भी आपात स्थिति में ब्लड की कमी न हो, इसके लिए हर समय कम से कम 200 यूनिट रक्त स्टॉक में बना रहे. ब्लड बैंक के संचालन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए विशेष निगरानी तंत्र और प्रक्रिया लागू की गयी है. हर जगह से मिल रहा सहयोग ब्लड बैंक को सुचारु चलाने के लिए हर जगह से सहयोग मिल रहा है. निरंकारी सेवा संस्थान, आइआइएम, जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन, आर्मी से लगातार सहयोग मिल रहा है. एसएसबी व सीयूबी से भी ब्लड डोनेशन करने की अपील की गयी है. दोनों जगह से आश्वासन दिया गया है. कोशिश की जा रही है कि हर वक्त यहां 200 यूनिट ब्लड का स्टॉक मेंटेन रहे. खुद की निगरानी के साथ कई स्तर पर भी देखरेख किया जा रहा है. कार्ड पर ब्लड देना पूरी तौर से बंद कर दिया गया है. डॉ केके सिन्हा, अधीक्षक, एएनएमएमसीएच

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