गया : शहरी क्षेत्र में स्थित जिले के तीन सबसे बड़े अस्पताल मगध मेडिकल काॅलेज व अस्पताल, जय प्रकाश नारायण अस्पताल (जेपीएन) व प्रभावती अस्पताल में लंबे समय से अल्ट्रासाउंड का कोई इंतजाम नहीं है. इस व्यवस्था के नहीं होने से यहां अानेवाले मरीज प्राइवेट अल्ट्रासाउंड सेंटर में ऊंची मोटी रकम देकर जांच कराने को मजबूर हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मगध मेडिकल काॅलेज में लंबे समय में अल्ट्रासोनोग्राफी मशीन खराब है. इसकी मरम्मत कराने का काम कागजी प्रक्रिया में है. उधर, जय प्रकाश नारायण अस्पताल व प्रभावती अस्पताल में मशीन को ऑपरेट करनेवाले तकनीकी विशेषज्ञों के नहीं होने की वजह से सेंटर बंद हैं.
गौरतलब है कि इन तीनों अस्पतालों में हर रोज जिले भर से सैकड़ों लोग आते हैं. मगध मेडिकल काॅलेज में तो आसपास के जिले से भी लोग इलाज कराने आते हैं, लेकिन अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था ठप होने के कारण अधिकांश मरीजों को जांच के लिए निजी अल्ट्रासोनोग्राफी सेंटरों का रुख करना पड़ता है. मरीजों की इस मजबूरी का फायदा उठा कर ये सेंटर अल्ट्रासाउंड के लिए मनमानी कीमत वसूल कर रहे हैं.
मेडिकल काॅलेज में खराब है मशीन : मगध मेडिकल काॅलेज व अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन बीते कई महीनों से खराब है. मशीन पुरानी है, लिहाजा मरम्मत भी पुरानी तकनीक से ही होगी. अब हालात ये है कि पूरे बिहार में इसकी मरम्मत करने वाला कोई इंजीनियर नहीं मिला. पता चला है कि इसकी मरम्मत के लिए दिल्ली के कुछ विशेषज्ञों से बातचीत चल रही है. आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के मुताबिक कुछ दिनों पहले दिल्ली से एक इंजीनियर आये थे. उन्होंने मशीन की कुछ खामियों को पकड़ा भी था. बताया गया है कि अस्पताल के अधिकारी मशीन के कुछ कल-पुर्जे की खरीद की तैयारी कर रहे हैं. अस्पताल अधिकारियों का कहना है कि इसे जल्द ही ठीक करा लिया जायेगा. अस्पताल अधीक्षक डाॅ सुधीर कुमार सिन्हा ने बताया कि जल्द ही खराब हुए पुर्जे की खरीद हो जायेगी. एक सप्ताह के भीतर अल्ट्रासाउंड सेवा शुरू होगी.
सरकार के निर्देश का हो रहा इंतजार : उल्लेखनीय है कि 17 फरवरी 2016 को दिल्ली हाइकोर्ट ने अल्ट्रासाउंड को लेकर एक फैसला दिया था. इस फैसले में अल्ट्रासाउंड करनेवालों के लिए ट्रेनिंग लेने और सर्टिफिकेट प्राप्त होने के बाद अल्ट्रासाउंड का काम दिये जाने की बात कही गयी थी. हालांकि, स्वास्थ्य पदाधिकारियों का कहना है कि बिहार सरकार के निर्देश के बिना उसे लागू नहीं किया जा सकता है. जय प्रकाश नारायण अस्पताल के उपाधीक्षक डाॅ पीके अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मापदंडों को मानने का निर्देश दिया गया था, जिसके बाद ही विशेषज्ञों के नहीं रहने के कारण सेंटर बंद हो गया. डॉ अग्रवाल ने कहा कि न्यायालय द्वारा कानून में कुछ संशोधन किये जाने की बात तो उन्होंने सुनी है, लेकिन अभी तक राज्य सरकार की ओर से कोई भी दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया. सरकार के निर्देश का इंतजार है.
जेपीएन व प्रभावती में विशेषज्ञ नहीं : जेपीएन व प्रभावती अस्पताल के अल्ट्रासाउंड सेंटर एक साल से अधिक समय से बंद पड़े हैं. यहां मामला तकनीक का नहीं बल्कि विशेषज्ञता का है. अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार बिना तकनीकी विशेषज्ञों (सोनोलॉजिस्ट) के अल्ट्रासाउंड सेंटर नहीं चलाया जा सकता है. अस्पताल में इन विशषज्ञों के नहीं होने की वजह से सेंटरों को बंद कर देना पड़ा.