गया: भगवान राम का चरित्र अनंत है. उनके चरित्र को जानना असंभव है. रामकथा सुनने मात्र से ही मानव जीवन सफल हो जाता है. मानव व दानव दोनों पर ही भगवान राम की कृपा हर वक्त बनी रहती है. उक्त बातें तुतबाड़ी, बाल्टी फैक्टरी में एक दिवसीय रामकथा में स्वामी राम मोहन दास ने श्रोताओं को कहीं. उन्होंने कहा कि रामकथा कभी मनुष्य को धर्म भेद करने की प्रेरणा नहीं देती है. मनुष्य का जीवन कैसे सार्थक हो, जीवन में समृद्धि बनी रहे, रामकथा इसी का ज्ञान बोध कराता है.
रामकथा सिर्फ देवत्व व मोक्ष प्राप्ति के लिए मनुष्य को मार्गदर्शन करता है. श्री दास ने कहा कि कथा में मनुष्य के जीवन में आयी परेशानी व कष्ट को दूर करने की राह बतायी गयी है यह समाज में व्याप्त छुआ-छूत की भावना दूर करने की प्रेरणा देती है. मानव को जीवन में कई तरह की परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है लेकिन लोगों को धैर्य नहीं खोना चाहिए.
राम के चरित्र में इसका वर्णन साफ मिलता है. इस एक दिवसीय रामकथा का आयोजन सनातन स्वाभिमान समिति की ओर से किया गया था. इस मौके पर समिति के राष्ट्रीय संयोजक कौशलेंद्र नारायण, वयोवृद्ध साहित्यकार गोवर्धन प्रसाद सदय, अधिवक्ता शिववचन सिंह, अधिवक्ता उदय वर्मा, समाजसेवी मुन्ना खटीक व नीरज शर्मा आदि मौजूद रहे.