रोशन कुमार, गया : भाकपा-माअोवादी संगठन की गतिविधियों पर नकेल कसने में 2019 में सीआरपीएफ काफी हद तक कामयाब रही. इस वर्ष संयुक्त अभियानों में माओवादियों के साथ हुइ मुठभेड़ में सुरक्षा बल द्वारा मुंहतोड़ जवाब दिया गया. इस दौरान भाकपा माओवादी संगठन के दो सब-जोनल कमांडर व नक्सली दस्ते के दो सदस्यों को मुठभेड़ में मार गिराया गया. साथ ही 82 नक्सलियों व उनके समर्थकों को गिरफ्तार किया गया.
Advertisement
माओवादियों पर नकेल कसने में कामयाब हुई सीआरपीएफ
रोशन कुमार, गया : भाकपा-माअोवादी संगठन की गतिविधियों पर नकेल कसने में 2019 में सीआरपीएफ काफी हद तक कामयाब रही. इस वर्ष संयुक्त अभियानों में माओवादियों के साथ हुइ मुठभेड़ में सुरक्षा बल द्वारा मुंहतोड़ जवाब दिया गया. इस दौरान भाकपा माओवादी संगठन के दो सब-जोनल कमांडर व नक्सली दस्ते के दो सदस्यों को मुठभेड़ […]
इन अभियानों के दौरान 13 हथियार व भारी मात्रा में गोला-बारूद भी बरामद किया गया है. वहीं, 2019 में भाकपा-माआेवादियों ने कुछ ऐसी घटनाएं की, जिससे पुलिस व निजी संपत्ति को काफी नुकसान हुआ. माओवादियों के द्वारा किये गये प्रमुख कांडों में रोड निर्माण कार्य में बाधा पहुँचाना, जेसीबी/पोकलेन मशीन को आग लगाना, लेवी वसूली करना जैसी घटनाओं को अंजाम दिया गया है.
इसमें मुख्य रूप से 27 मार्च 2019 को गया जिले के अतिसंवेदनशिल नक्सल प्रभावित क्षेत्र डुमरिया प्रखंड के बोधिबिगहा गांव में नक्सल दस्ते ने पूर्व एमएलसी अनुज कुमार सिंह का मकान आईईडी/डायनामाईट का इस्तेमाल कर क्षतिग्रस्त किया था.
साथ ही 15 मार्च 19 को सोनदाहा में स्थित सरकारी स्कूल को नक्सल दस्ते द्वारा आग लगा दी गयी थी. नक्सल प्रभावित इमामगंज पुलिस अनुमंडल क्षेत्र की भौगोलिक बनावट इस प्रकार है कि सुरक्षा बल पर कभी भी आईईडी विस्फोट एवं घात लगा कर हमला होने की जोखिम बनी रहती है.
छकरबंधा के जंगली क्षेत्र में प्रेशर आइइडी (लैंड माइंस) का रोपण भारी मात्रा किया हुआ है. इससे माअोवादियों द्वारा घात लगाकर सुरक्षा बलों पर हमला करना एक आसान लक्ष्य बन जाता है, ऐसे हमलों की चपेट में आकर इस वाहिनी की परिचालनिक क्षेत्र में अनेक अभियानों के दौरान इस वाहिनी एवं अन्य सुरक्षा बल के जवानों का काफी नुकसान हुआ है.
13 फरवरी 2019 को छकरबंधा के पूर्वी जंगल क्षेत्र में 159 बटालियन व 205 कोबरा बटालियन के द्वारा माओवादियों के विरूद्ध संयुक्त विशेष अभियान किया गया था. इस दौरान नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड व आईईडी विस्फोट में 205 कोबरा बटालियन के उपनिरीक्षक रैंक के एक अधिकारी शहीद हो गये थे.
गया में 2008 से तैनात है सीआरपीएफ
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 159 वीं बटालियन गया जिला के अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र में वर्ष 2008 से तैनात है. सीअारपीएफ झारखंड़ राज्य के अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित पलामू, चतरा व हजारीबाग जिला को जोड़ती है. सीआरपीएफ 159 का मुख्यालय गया शहर में रामपुर थाने के पास जेल परिसर में स्थित है. इमामगंज पुलिस अनुमंडल क्षेत्र में सीआरपीएफ नक्सलवाद के उन्मूलन हेतु छकरबंधा, सेवरा, डुमरिया, लुटुआ, सलैया व इमामगंज जैसे नक्सलग्रस्त क्षेत्र में तैनात है.
गया जिला बिहार राज्य के अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता है। यह ईलाका घने जंगल तथा पहाड़ी क्षेत्र से घिरे होने के कारण काफी लंबे समय से माओवादियों का गढ़ रहा है. यह बटालियन नक्सल गतिविधियों से प्रभावित क्षेत्र में निरंतर दैनिक अभियान योजना कर रही है.
जनहित के कार्यों से जुड़ा है केंद्रीय बल
सीआरपीएफ जनहित के कार्यो में भी उत्कृष्ट भूमिका निभा रही है. बेरोजगार युवक–युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये स्थानीय प्रशासन एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से अनेक प्रकार की कल्याणकारी योजनांए चलायी जा रही है जैसे – मोटर ड्रायविंग, वेल्डर, इलेक्ट्रेशियन, फिटर, डिजल मेकेनिक, टेलरिंग, हॉस्पीटलीटी सेक्टर इत्यादि में प्रशिक्षण दिया गया है. जिससे काफी संख्या में युवा–युवतियों को समाज से भटकने से रोका गया हैै.
उक्त प्रशिक्षण के दौरान महिला सशक्तिकरण को बढावा देते हुए सीआरपीएफ के द्वारा बेरोजगार युवतियों को उक्त प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया गया है. सामजिक सवास्थ्य कल्याण हेतु टेलीमेडिसिन के कैंप भी सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रें में आयोजित कर निर्धन- गरीब लोगों को चिकित्सा सुविधा एआइएमएस, पटना के सौजन्य से मुहैया करायी गयी है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement