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गया : हमारे रहते अल्पसंख्यकों की नहीं हाेगी उपेक्षा, गारंटी लेते हैं : सीएम नीतीश

गया : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम गारंटी लेते हैं कि हमारे रहते अल्पसंख्यक समाज की किसी भी स्तर पर उपेक्षा नहीं हाेगी. उनका काेई नुकसान नहीं हाेगा. मिलजुल कर चलिए. जल-जीवन-हरियाली अभियान सब के लिए है. इस अभियान पर तीन साल में 24,500 कराेड़ रुपये खर्च किये जायेंगे, इसलिए हिंदू-मुस्लिम सहित सभी […]

गया : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम गारंटी लेते हैं कि हमारे रहते अल्पसंख्यक समाज की किसी भी स्तर पर उपेक्षा नहीं हाेगी. उनका काेई नुकसान नहीं हाेगा.

मिलजुल कर चलिए. जल-जीवन-हरियाली अभियान सब के लिए है. इस अभियान पर तीन साल में 24,500 कराेड़ रुपये खर्च किये जायेंगे, इसलिए हिंदू-मुस्लिम सहित सभी समुदायों के लाेग हाथ मिलाकर पर्यावरण की रक्षा के लिए आगे आयेंगे. वह गुरुवार काे गया के गांधी मैदान में जल-जीवन-हरियाली जागरूकता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. मौके पर उन्होंने 958.33 कराेड़ रुपये की याेजनाआें का शिलान्यास व उद्घाटन किया और विकास कार्य से संबंधित पुस्तिका का लाेकार्पण किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि काैन किसकाे किस बात के लिए भड़काता है, यह अलग बात है. हम इन चीजाें पर ध्यान नहीं देते. हमारा संकल्प है, समाज के सभी वर्गों के लिए काम करते हैं. अल्पसंख्यक समाज काे जाे लाेग भड़का रहे हैं, उनसे पूछिए कि राजपाट करने का माैका उन्हें मिला, तो उन्होंने क्या किया. चंद ऐसे लाेग हाेते हैं, जाे लाेगाें काे भड़काते रहते हैं. हम नि:स्वार्थ लाेगाें की सेवा करते हैं आैर सबाें काे मिलाकर चलते हैं. आपस में प्रेम, भाइचारा व सद्भाव से रहिए. समाज अच्छा बनेगा.

फल्गु ऐतिहासिक नदी है. इसमें सालाें भर पानी रहे, इसके लिए विशेषज्ञाें की टीम बनायी गयी है. विष्णुपद के आस-पास नदी में सालाेंभर पानी रहे, इसके लिए चेक डैम बनाकर पानी काे स्टाेर किया जायेगा. नाले का पानी दूसरी जगह ले जाकर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से उसका भी शाेधन कर कृषि कार्य में उपयाेग किया जायेगा. फल्गु काे स्वच्छ, अतिक्रमणमुक्त व सालाेंभर पानी रहे, ऐसा बनाया जायेगा.

भू-जल स्तर को बचायेंगे

सीएम ने कहा कि पहले बिहार में आैसत बारिश 1200-1500 मिलीमीटर हाेती थी. पिछले 30 वर्षाें में यह घट कर 1027 मिलीमीटर हाे चुकी है. 13 वर्षाें का आैसत देखें ताे यह और घटकर 901 मिलीमीटर हाे गयी है. इससे भू-जल स्तर में लगातार गिरावट आ रही है. इस बार उत्तर बिहार में यह संकट दिखा. अब हमलाेगाें ने तय कर लिया कि भू-जल स्तर काे बचायेंगे. जल का संरक्षण करेंगे. हरियाली लायेंगे. इसका नामकरण दिया गया जल-जीवन-हरियाली. मतलब साफ है जीवन बीच में है. एक तरफ जल ताे दूसरी तरफ हरियाली है.

जल व हरियाली है, तभी जीवन बच पायेगा. जल का संरक्षण व हरियाली काे बढ़ावा देना मुख्य उद्देश्य है. जब झारखंड बंटा, तो बिहार में हरित आवरण मात्र नाै फीसदी था. 2012 में हरियाली मिशन लाकर छह-सात वर्षाें में 29 कराेड़ पाैधे लगाये गये. इसके बाद हरित आवरण का प्रतिशत बढ़कर 15 हाे गया. अब जल-जीवन-हरियाली मिशन में आठ कराेड़ से भी अधिक पाैधे लगाये जायेंगे. कम-से-कम 17% आैर उससे आगे भी हरित आवरण काे बढ़ायेंगे.

गया, बोधगया, राजगीर व नवादा में गंगा का पानी

जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत गंगा का पानी गया, बाेधगया, राजगीर व नवादा में भी पहुंचाया जायेगा. पटना के माेकामा के पास से गंगा के पानी काे लिफ्ट कर गया तक पहुंचाने की याेजना है. इसकी शुद्धता के लिए कई जगह ट्रीटमेंट प्लांट लगाये जायेंगे.

पहले चरण में राजगीर, गया व बाेधगया व दूसरे चरण में नवादा में घर-घर तक गंगा का पानी पहुंचाया जायेगा. एक आदमी काे एक दिन में आैसतन 135 लीटर पानी उपलब्ध कराने की साेचकर याेजना बनायी गयी है. बुधवार की कैबिनेट की बैठक में गंगा जल उद्वह याेजना को स्वीकृति दे दी गयी. टेंडर भी आज निकल गया. जनवरी तक सब कागजी काम पूरा हाे जायेगा आैर तय समय पर मार्च, 2021 तक इसके पहले चरण को पूरा कर लिया जायेगा.

19 जनवरी काे मानव शृंखला में शामिल होने का संकल्प लें

सीएम ने कहा 21 जनवरी, 2017 में शराबबंदी के समर्थन में ऐतिहासिक मानव शृंखला बनी थी. 21 जनवरी, 2018 काे दहेज व बाल विवाह पर राेक के समर्थन में 14000 किमी की मानव शृंखला बनाकर वर्ल्ड रिकाॅर्ड बनाया गया. इस बार 19 जनवरी काे हरियाली जागरूकता अभियान के समर्थन में 16,000 किमी की मानव शृंखला बनाकर वर्ल्ड रिकाॅर्ड बनाइए. इसके लिए यहां से संकल्प कर जाइए.

Prabhat Khabar Digital Desk
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