जितेंद्र मिश्र, गया : शहर में अपराधियों पर लगाम लगाने वउनकी पहचान के लिए जगह-जगह लगाये गये सीसीटीवी कैमरे नाकाफी हैं. इसके अलावा जो कैमरे लगाये गये हैं, उनका रेज्युलेशन इतना कम है कि अपराधियों की पहचान कम ही हो पाती है. गौरतलब है कि नगर निगम ने पितृपक्ष के मौके पर सुरक्षा व साफ-सफाई के ख्याल से करीब 30 सीसीटीवी कैमरे लगाये. इसके साथ ही करीब 38 जगहों पर एक कंपनी ने कैमरे लगाये हैं.
वहीं प्रशासन व पुलिस विभाग की ओर से 192 जगहों पर सीसी कैमरे लगाने का प्रस्ताव दिया गया था. सही मानक व पर्याप्त संख्या में कैमरे नहीं लगे होने के कारण अपराधियों की पहचान करने में सफलता नहीं मिल पाती है. कई मामलों में इस तरह की बातें सामने आ चुकी हैं. कई जगहों पर अपराधियों का चेहरा या फिर आपराधिक घटनाओं में प्रयोग की गयी गाड़ियों का वीडियो सीसीटीवी में जरूर कैद हो जाता है, पर इनका वीडियो का लो रेज्युलेशन होने के कारण उनकी पहचान करना मुश्किल हो जाता रहा है.
रखरखाव के अभाव में बंद रह जाते हैं कैमरे : रखरखाव के अभाव में कई माह तक पिछले दिनों कैमरे बंद रहे. बाद में निगम बोर्ड ने पहल कर रखरखाव करनेवाली कंपनी के एग्रीमेंट का विस्तार किया. उसके बाद अब कैमरे चालू हैं. निगम ने अपने कंट्रोल रूम में दो कर्मचारियों की ड्यूटी लगा रखी है, तो सिविल लाइंस थाने में दो सिपाही कंट्रोल रूम की निगरानी करते हैं.
निगम सूत्रों के अनुसार, शुरू में प्रस्ताव तैयार किया गया था कि शहर में लगे कैमरों का एक कंट्रोल रूम नगर निगम में व दूसरा सिटी डीएसपी के कार्यालय में बनाया जायेगा, लेकिन पैसे के अभाव में यह प्रस्ताव पूरा नहीं किया जा सका.
जहां निगम ने लगाये हैं कैमरे
नगर निगम से चांदचौरा मोड़ में पांच कैमरा, खाबा गली में एक कैमरा, विष्णुपद मंदिर परिसर में तीन कैमरे, दक्षिण दरवाजा में एक कैमरा, श्मशान घाट मोड़ में एक, बंगाली आश्रम में दो, ब्रह्मसत तालाब के पास एक, अक्षयवट के पास एक, रुक्मिणी तालाब के पास एक, मार्कंडेय मंदिर के पास दो, मंगलागौरी मोड़ एक, नारायणचुआं में एक, सेवादल रोड में एक, करसिल्ली रोड में एक, नयी सड़क मोड़ के पास दो, विष्णुपद परिसर एक, सूर्यकुंड तालाब के पास एक, देवघाट में चार कैमरे लगाये गये हैं.
इसके साथ ही अन्य चार जगहों पर भी एक-एक कैमरा लगाया गया है. इन कैमरों का कंट्रोल रूम नगर निगम के जवाहर टाउन हॉल में बनाया गया है. इधर, एक प्रचार वाली कंपनी ने शहरी इलाके में ही कई जगहों पर कैमरा लगाया है, जिसका कंट्रोल रूम सिविल लाइंस थाने में बनाया गया है.
सिटी डीएसपी ने कहा
सुरक्षा के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए शहर के प्रमुख जगहों का पड़ताल कर निगम प्रशासन को लिस्ट भेज दिया गया था. कुछ जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. इसके तहत सिविल लाइंस थाने में एक एरिया का कंट्रोल रूम बनाया गया है. उससे कुछ कांडों के अपराधियों की पहचान में सहूलियत मिल रही है. सभी प्वाइंट पर कैमरे लगने पर काम और भी आसान हो जायेगा.
राजकुमार साह, सिटी डीएसपी
यह कहना है एक्सपर्ट का
कैमराें के एक्सपर्ट मोहम्मद रहमान कहते हैं कि शहर में हर जगह तीन मेगा पिक्सल के सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं, जिन जगहों पर पीटीजेड (पैन टिल्ट जूम) कैमरा लगाया गया है, वहां फिक्स कैमरा नहीं लगाया गया है. शहर में तीन जगहों पर ही पीटीजेड कैमरा लगाया गया है. यहां हर चौक चौराहों पर पीटीजेड व एनपीआर कैमरा लगाने की जरूरत है.
इन कैमरों के साथ पांच मेगा पिक्सल का फिक्स कैमरा भी लगाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि टोल प्लाजा आदि पर एनपीआर कैमरा गाड़ियों के नंबर प्लेट पढ़ने के लिए लगाये जाते हैं. इन कैमरों में 100 मीटर तक से गाड़ियों का नंबर कवर किया जा सकता है.
क्या कहते हैं सदर एसडीओ
सर्वे के अनुसार शहर के सात थाना क्षेत्रों में 192 जगहों पर कैमरे लगाने के लिए प्वाइंट चिह्नित किया गया है. कुछ जगहों पर प्राइवेट कंपनी व निगम ने कैमरे लगाये हैं. पिछले दिनों परिवहन विभाग के प्रधान सचिव ने गया दौरा के दौरान कहा था कि कैमरा लगाने में सड़क सुरक्षा में भेजे गये पांच लाख रुपये का इस्तेमाल किया जाये. शहर में एनपीआर (नंबर प्लेट रीडर) कैमरा कुछ चौराहों पर लगाये जायेंगे. लोगों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन सही कदम उठायेगा. कैमरे लगाने को लेकर प्रशासन प्रयासरत है.
सूरज कुमार सिन्हा, सदर एसडीओ