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रूसी तीर्थयात्रियों ने किया तर्पण-पिंडदान
गया : पितृपक्ष मेला महासंगम में गयाधाम की धरती पर अपने पितराें काे माेक्ष व आत्मा को शांति दिलाने के उद्देश्य से विदेशियाें का एक जत्था यहां पहुंचा. इन्होंने रविवार काे देवघाट पर पिंडदान कर फल्गु नदी के जल से तर्पण किया. रूस से आये 24 से अधिक विदेशियाें में एलैना, ततयाना, लरिसा, नदेरतामं, काैसंतठित, […]
गया : पितृपक्ष मेला महासंगम में गयाधाम की धरती पर अपने पितराें काे माेक्ष व आत्मा को शांति दिलाने के उद्देश्य से विदेशियाें का एक जत्था यहां पहुंचा. इन्होंने रविवार काे देवघाट पर पिंडदान कर फल्गु नदी के जल से तर्पण किया. रूस से आये 24 से अधिक विदेशियाें में एलैना, ततयाना, लरिसा, नदेरतामं, काैसंतठित, अल्कादिया, सुतलाना, मारिया, नतालिया, नताल्या, अकतारिणा, मरिणा, युगेनिया व मिलाना समेत अन्य शामिल थे.
पंडाजी दीपक लाल हल ने पिंडदान के लिए उन्हें आज्ञा दी व श्राद्ध कार्य पुराेहित सुबाेध शास्त्री ने कराया. रूस से आये सभी श्रद्धालु नताशा शेफ्राेनाेवा के शिष्य हैं. नताशा शैफ्राेनाेवा रूस में एक धर्मगुरु हैं, जाे वैदिक परंपरा से वहां के श्रद्धालुआें के बीच धर्म का प्रचार करती हैं. अपने शिष्याें के बीच वह गया में श्राद्ध की परंपरा व श्राद्ध क्याें जरूरी है, आदि बाताें से अवगत करा उन्हें अपने पितराें का पिंडदान करने के लिए जागरूक करती हैं.
गाैरतलब है कि नताशा भी गयाजी आ चुकीं हैं. ये सभी वाराणसी में पिंडदान व तर्पण करने के बाद शनिवार काे गयाजी पहुंचे हैं. इन्हें यहां इस्कान के एक प्रतिनिधि लेकर आये हैं. ये सभी विदेशी पांच दिनाें तक गयाजी में रहेंगे व तीन दिनाें का पितृश्राद्ध कार्य पूरा करेंगे.
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